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Muzaffarpur news: इस शिल्प बाजार में आइए, एक छत के नीचे दिख जाएगी कई राज्यों की झलक

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Muzaffarpur news: इस शिल्प बाजार में आइए, एक छत के नीचे दिख जाएगी कई राज्यों की झलक

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रिपोर्ट: अभिषेक रंजन

मुजफ्फरपुर: अगर आप हस्तशिल्प और पारंपरिक कला के कद्रदान हैं तो मुजफ्फरपुर के राम दयालु सिंह कॉलेज में लगे गांधी शिल्प बाजार आ सकते हैं. भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और आम्रपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति पटना द्वारा आयोजित यह बाजार 5 मार्च तक लगा रहेगा. गांधी शिल्प बाजार पारंपरिक कलाकारों को एक बेहतर मंच देने का माध्यम है. इस बाजार में कुल 100 दुकानें लगाई गई हैं. यहां बिहार समेत देश के विभिन्न राज्यों की कला से आप रूबरू हो सकते हैं.

इस मेले में पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, नॉर्थ ईस्ट आदि राज्यों की कला की आपको झलक देखने को मिलेगी. यहां मधुबनी की फेमस पेंटिंग, पट्टी, कंथा, लाह की चूड़ी, हैंड ब्लॉक, पत्थर की मूर्ति, लकड़ी की नक्काशी के उत्पाद, सुजनी, गुजरात के रंगीन हैंडीक्राफ्ट के बैग, साड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध है. गले में पहनने के लिए पश्चिम बंगाल का गिनी और चुकर भी महिलाओं को पसंद आएगा. पश्चिम बंगाल के स्टॉल पर मौजूद बुद्धोन दास ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अपने हाथों से गले में पहनने का हार तैयार करते हैं. इसकी कीमत 120 से 500 रुपये तक है.

चार पीढ़ी से जुड़े हैं डोकरा आर्ट से
झारखंड के दुमका से आए आलिम जादूपटिया डोकरा आर्ट से बनी चीजें बेच रहे हैं. आलिम बताते हैं कि तकरीबन 4 पीढ़ी से उनके परिवार के लोग डोकरा आर्ट से जुड़े हुए हैं. इसमें मुख्य रूप से पीतल से गले का हार, हंसुली जैसी चीजें बनाई जाती हैं.आलिम ने बताया कि डोकरा बहुत पुरानी आर्ट है. इसमें पीतल से चीजें बनाई जाती हैं. वे बताते हैं कि आदिवासी समाज में पीतल और कांसा पहनने की परंपरा है. अब यह कला आदिवासी समाज से निकलकर आम लोगों तक भी पहुंच रही है.

मधुबनी में फेमस है सीक की ढकिया और टोकरी
मधुबनी जिला से पहुंची नीरु देवी सीक की ढकिया और टोकरी बनाती हैं. नीरु कहती हैं कि यह एक महीन कला है, जिसे बनाने में लंबा समय लगता. गांधी शिल्प बाजार आयोजन समिति के सदस्य शिव कुमार ने बताया कि यह मेला कलाकारों को सही प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से लगाया गया है. 5 मार्च तक लोग इस मेले में आकर कलाकारों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ भारत की संस्कृति से जुड़े सामान की खरीदारी कर सकते हैं.

टैग: बिहार के समाचार, Muzaffarpur news

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