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उधव कृष्ण/पटना. राजधानी पटना प्रमुख आकर्षण केंद्रों में से एक इस्कॉन मंदिर के 1 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य रूप से वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया. इस्कॉन के प्रवक्ता नंद गोपाल दास बताते हैं कि आज के दिन ही इस मंदिर में वासुदेव कृष्ण की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी.
इस आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु महाआरती में शामिल होने देश-विदेश से पहुंचे और ठाकुर जी को छप्पन भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया. इस्कॉन मंदिर में जल्द ही आम लोगों को गोविंदा रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस और लाइब्रेरी की सुविधा मिलने वाली है.
84 खंभों पर बना मंदिर
इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास बताते हैं कि तकरीबन 02 एकड़ क्षेत्र में फैले इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट से भी अधिक है. इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके बिहारी सहित अन्य देवी-देवताओं का दर्शन व पूजन कर सकते हैं. मथुरा और गुजरात के बाद पटना में देश का तीसरा मंदिर है, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. 84 खंभों के पीछे की वजह मनुष्यों के 84 लाख योनियों से जुड़ा है. मंदिर के वास्तुकार पीयूष वी सोमपुरा हैं.
आम लोगों तक पहुंचेगा इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन का अगला लक्ष्य बिहार के प्रत्येक जिले में इस्कॉन के छोटे मंदिरों की स्थापना करना है. संगठन अब छोटे शहरों के साथ-साथ अनुमंडल के साथ ब्लॉक स्तर पर भी कार्य करने वाला है. पटना इस्कॉन की देखरेख में इन योजनाओं को जल्द ही फलीभूत किया जाएगा. ये बातें पटना इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने न्यूज 18 लोकल से खास बातचीत में बताया. उन्होंने आगे बताया कि गांवों के लिए संगठन का ग्रामीण मंत्रालय और राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के लिए संगठन का जनजातीय मंत्रालय काम करेगा.
नौकरी करनी ही हो तो प्रभु की करें
मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास कहते हैं कि इस्कॉन जीवन जीने का बेहतर नजरिया देता है. गीता के संदेशों को आम आदमी कैसे डिकोड करें और कैसे अपने जीवन में लागू करे, इस्कॉन यह सब सिखाता है. उनकी माने तो सभी लोगों को भगवद्गीता जरूर पढ़ना चाहिए. आज इस्कॉन से बड़ी संख्या में छात्र और गृहस्थ जुड़ रहे हैं. वे आगे मुस्कुराते हुए कहते हैं कि पटना का यह इस्कॉन मंदिर वाकई में बिहार का गौरव सिद्ध हो रहा है.
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पहले प्रकाशित : 24 अप्रैल, 2023, शाम 6:36 बजे IST
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