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Bihar News : बिहार में लोगों ने पशु प्रेम की मिसाल पेश की है। यहां एक लंगूर का न सिर्फ अंतिम संस्कार किया गया बल्कि अब उसके ब्रह्मभोज की भी तैयारी की जा रही है। एक सड़क हादसे में लंगूर की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसी के बाद गांव वालों ने ये कदम उठाया।

हाइलाइट्स
- बक्सर- लंगूर के अंतिम संस्कार में उमड़ी ग्रामीणों की भीड़
- तेज रफ्तार पिकअप वैन की टक्कर से लंगूर की हुई मौत
- गांव वालों ने हिन्दू रीति रिवाज के साथ चौसा श्मशान घाट पर किया अंतिम संस्कार
- मृत लंगूर के लिए ग्रामीण कराएंगे ब्रह्मभोज, पेश की पशु प्रेम का अनूठी मिसाल
लंगूर की मौत पर इंसानों में शोक
इधर जब ग्रामीणों को हादसे का पता चला तो वो लोग भागे-भागे मौके पर पहुंचे। वहां लंगूर का शव पड़ा था। इसके बाद लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। लंगूर के शव को सड़क पर पड़ा देख रहे ग्रामीणों में अचानक हलचल शुरू हुई। सबसे पहले लंगूर के शव को सड़क के किनारे लाया गया और उसे कपड़े से ढक दिया गया। गांव वालों ने तय किया वो लंगूर का गांव के किसी निवासी की तरह ही अंतिम संस्कार करेंगे। इसके बाद एक लाल कपड़ा मंगवाया गया और उसमें लंगूर के शव को लपेटा गया। फिर ग्रामीण लंगूर के शव को बक्सर के चौसा शमशान घाट ले गए। यहां लंगूर का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।
गांव की छतों पर आकर भोजन करता था लंगूर
मृतक लंगूर का हिंदू रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार करने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि वो लोग लंगूर के आत्मा की शांति के लिए भव्य ब्रम्हभोज का भी आयोजन करेंगे। पशु होते हुए भी लंगूर से गांव वालों को एक आत्मीय लगाव था। वो प्रतिदिन घर की छतों पर आकर ग्रामीणों से भोजन लेकर चला जाता था। ग्रामीणों के मुताबिक ‘लंगूर का अचानक चले जाना हम सबके लिए अत्यंत दुःखद है।’ सनातन धर्म में लंगूर को भगवान बजरंगबली का प्रतीक मान जाता है और उसकी पूजा की जाती है। बनारपुर गांव के लोगों के इस कदम ने ये बताया है कि इंसानों में इंसानियत अभी भी बाकी है।
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