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Bihar: महागठबंधन की साथी पार्टी ने की झारखंड की तर्ज पर आरक्षण की मांग, बिहार में भी 77 फीसदी कोटा किया जाए

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Bihar: महागठबंधन की साथी पार्टी ने की झारखंड की तर्ज पर आरक्षण की मांग, बिहार में भी 77 फीसदी कोटा किया जाए

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वामपंथी पार्टी

वामपंथी पार्टी
– फोटो : पीटीआई

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भाकपा माले (एल) ने शनिवार को नीतीश कुमार सरकार से मांग की कि वह झारखंड की तरह विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न श्रेणियों को दिए जाने वाले कुल आरक्षण को 60 से बढ़ाकर 77 फीसदी करने के लिए एक विधायक लाए। बता दें कि राज्य में पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है।

पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल ने एक बयान में कहा, जिस तरह झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को कुल आरक्षण को बढ़ाने के लिए एक विधेयक पारित किया, उसी तरह बिहार सरकार को भी शीतकालीन सत्र में इसी तरह का विधेयक लाना चाहिए।

उन्होंने कहा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही राज्य सरकार की नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण बढ़ाने के पक्ष में है। यह सही समय है। बिहार सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।

बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले माह दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में 12 विधायक भाकपा (माले) के हैं।

झारखंड विधानसभा में एक विशेष सत्र के दौरान शुक्रवार को पदों और सेवाओं में रिक्तियों के लिए ‘झारखंड आरक्षण अधिनियम, 2001’  में संशोधन पारित किया गया, जिसमें एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 से बढ़ाकर 77 फीसदी किया गया है।

विस्तार

भाकपा माले (एल) ने शनिवार को नीतीश कुमार सरकार से मांग की कि वह झारखंड की तरह विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न श्रेणियों को दिए जाने वाले कुल आरक्षण को 60 से बढ़ाकर 77 फीसदी करने के लिए एक विधायक लाए। बता दें कि राज्य में पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है।

पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल ने एक बयान में कहा, जिस तरह झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को कुल आरक्षण को बढ़ाने के लिए एक विधेयक पारित किया, उसी तरह बिहार सरकार को भी शीतकालीन सत्र में इसी तरह का विधेयक लाना चाहिए।

उन्होंने कहा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही राज्य सरकार की नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण बढ़ाने के पक्ष में है। यह सही समय है। बिहार सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।

बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले माह दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में 12 विधायक भाकपा (माले) के हैं।

झारखंड विधानसभा में एक विशेष सत्र के दौरान शुक्रवार को पदों और सेवाओं में रिक्तियों के लिए ‘झारखंड आरक्षण अधिनियम, 2001’  में संशोधन पारित किया गया, जिसमें एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 से बढ़ाकर 77 फीसदी किया गया है।



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