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Bihar: नीतीश कुमार को हिमाचल में कांग्रेस और मैनपुरी में सपा की जीत से मिली राहत, कुढ़नी उपचुनाव में मिली हार

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Bihar: नीतीश कुमार को हिमाचल में कांग्रेस और मैनपुरी में सपा की जीत से मिली राहत, कुढ़नी उपचुनाव में मिली हार

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नीतीश कुमार (फाइल फोटो)।

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)।
– फोटो : सोशल मीडिया

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुरुवार को उपचुनाव के परिणाम से झटका लगा। उनकी पार्टी जदयू कुढ़नी उप चुनाव में भाजपा से हार गई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली जीत से नीतीश कुमार को राहत मिली है।

71 वर्षीय नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एकजुट विपक्षी मोर्चे के प्रति आशान्वित हैं। उन्होंने कांग्रेस और सपा के चुनावी प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कुछ ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट किया, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। गौरतलब है कि जदयू नेता नीतीश अब महागठबंधन का हिस्सा हैं और कांग्रेस महागठबंधन में शामिल पुरानी पार्टी है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने मैनपुरी से विजयी सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के साथ-साथ उनके पति और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी बधाई दी। मैनपुरी लोकसभा का उप चुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण जरूरी हो गया था। नीतीश और मुलायम सिंह 1980 के दशक में लोकदल में थे।

कांग्रेस ने पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को भाजपा से छीन लिया, जबकि सपा ने यूपी में अपना गढ़ बरकरार रखा। बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए भी उप चुनाव हुआ था, लेकिन यहां भाजपा से जदयू हार गई।

भाजपा को कुढ़नी उप चुनाव में मिली जीत
2020 में कुढ़नी सीट पर महागठबंधन की ओर से राजद ने जीत दर्ज की थी। तब जदयू के वोटर भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, फिर भी भाजपा प्रत्याशी की हार हो गई थी। इस बार भाजपा के उसी प्रत्याशी ने जदयू को शिकस्त दी। उस जदयू के प्रत्याशी की हार हुई है, जो अब राजद के साथ सत्ता में है। इतना ही नहीं, राजद के नंबर 2 नेता तेजस्वी यादव ने यहां आकर जदयू प्रत्याशी के समर्थन में राजद समर्थकों से वोट की अपील की थी।

नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड ने भी कुढ़नी सीट के उप चुनाव में पूरी ताकत झोंकी थी। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पिता के साथ सिंगापुर जाने का प्रोग्राम इस चुनाव प्रचार को पूरा करने के बाद का रखा। नीतीश-तेजस्वी की सभाओं के बावजूद परिणाम साफ-साफ दिखा रहा है कि जदयू को राजद का वोट नहीं के बराबर मिला। यह हार जदयू के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि अपनी तरफ से उसने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुरुवार को उपचुनाव के परिणाम से झटका लगा। उनकी पार्टी जदयू कुढ़नी उप चुनाव में भाजपा से हार गई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली जीत से नीतीश कुमार को राहत मिली है।

71 वर्षीय नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एकजुट विपक्षी मोर्चे के प्रति आशान्वित हैं। उन्होंने कांग्रेस और सपा के चुनावी प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कुछ ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट किया, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। गौरतलब है कि जदयू नेता नीतीश अब महागठबंधन का हिस्सा हैं और कांग्रेस महागठबंधन में शामिल पुरानी पार्टी है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने मैनपुरी से विजयी सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के साथ-साथ उनके पति और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी बधाई दी। मैनपुरी लोकसभा का उप चुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण जरूरी हो गया था। नीतीश और मुलायम सिंह 1980 के दशक में लोकदल में थे।


कांग्रेस ने पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को भाजपा से छीन लिया, जबकि सपा ने यूपी में अपना गढ़ बरकरार रखा। बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए भी उप चुनाव हुआ था, लेकिन यहां भाजपा से जदयू हार गई।

भाजपा को कुढ़नी उप चुनाव में मिली जीत

2020 में कुढ़नी सीट पर महागठबंधन की ओर से राजद ने जीत दर्ज की थी। तब जदयू के वोटर भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, फिर भी भाजपा प्रत्याशी की हार हो गई थी। इस बार भाजपा के उसी प्रत्याशी ने जदयू को शिकस्त दी। उस जदयू के प्रत्याशी की हार हुई है, जो अब राजद के साथ सत्ता में है। इतना ही नहीं, राजद के नंबर 2 नेता तेजस्वी यादव ने यहां आकर जदयू प्रत्याशी के समर्थन में राजद समर्थकों से वोट की अपील की थी।

नीतीश कुमार के जनता दल यूनाईटेड ने भी कुढ़नी सीट के उप चुनाव में पूरी ताकत झोंकी थी। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पिता के साथ सिंगापुर जाने का प्रोग्राम इस चुनाव प्रचार को पूरा करने के बाद का रखा। नीतीश-तेजस्वी की सभाओं के बावजूद परिणाम साफ-साफ दिखा रहा है कि जदयू को राजद का वोट नहीं के बराबर मिला। यह हार जदयू के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि अपनी तरफ से उसने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी।



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