Home Bihar Bihar के गैंगस्टर लंबू शर्मा को दुबारा क्यों सुनाई गई फांसी की सजा? जानिए पूरा मामला

Bihar के गैंगस्टर लंबू शर्मा को दुबारा क्यों सुनाई गई फांसी की सजा? जानिए पूरा मामला

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Bihar के गैंगस्टर लंबू शर्मा को दुबारा क्यों सुनाई गई फांसी की सजा? जानिए पूरा मामला

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बिहार के गैंगस्टर लंबू शर्मा को आरा कोर्ट से दोबारा फांसी की सजा सुनाई गई। आरा कोर्ट बम ब्लास्ट में अदालत ने ये फैसला सुनाया। आरोप लगा था कि लंबू शर्मा ने पेशी के दौरान भागने के लिए आरा सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट कराया था। इसके लिए एक महिला का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

लल्लू शर्मा
कुख्यात लंबू शर्मा (फाइल)
आरा: गैंगस्टर लंबू शर्मा को आरा कोर्ट से दोबारा फांसी की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने बम ब्लास्ट कांड में पहले भी लंबू को फांसी की ही सजा सुनाई थी। अब एक बार फिर से कुख्यात लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई गई। इससे पहले 20 अगस्त 2019 को भी आरा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद लंबू शर्मा की ओर से पटना हाईकोर्ट में अपील की गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत को केस वापस कर पिछले साल दोबारा सजा सुनाने का निर्देश दिया। अब आरा सिविल कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा।

गैंगस्टर लंबू शर्मा को दोबारा फांसी की सजा

आरा सिविल कोर्ट ने लंबू शर्मा की फांसी की सजा बरकरार रखी। आरा सिविल कोर्ट-8 के न्यायाधीश वीरेंद्र चौबे ने बुधवार को सजा सुनाई। 23 जनवरी 2015 को आरा सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें बम ब्लास्ट में यूपी की एक महिला नगीना देवी की मौत हो गई थी। कोर्ट हाजत की सुरक्षा में तैनात सिपाही अमित कुमार भी शहीद हो गए थे। इस ब्लास्ट में 15-20 लोग जख्मी हो गए थे।

आरा कोर्ट बम ब्लास्ट मामले में नहीं मिली राहत

आरा कोर्ट में बम ब्लास्ट होने के बाद पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय भाग निकले थे। ब्लास्ट के 4 साल बाद 20 अगस्त 2019 को आरा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। अपील के बाद पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत को केस वापस कर पिछले साल दोबारा सजा सुनाने के निर्देश दिए थे। मामले में फैसला सुनाए जाने को लेकर आरा कोर्ट में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई थी। कोर्ट के बाहर काफी संख्या में लोग भी जमा हो गए थे। सबको फैसले का इंतजार करते देखा गया।

2015 में आरा कोर्ट में हुआ था बम ब्लास्ट

आरा कोर्ट में सजा सुनाए जाने के वक्त लंबू शर्मा भी मौजूद था। इसके लिए उसे अररिया जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच आरा लाया गया था। 23 जनवरी 2015 को हुए बम विस्फोट मामले में पीरो के गांधी चौक निवासी लंबू शर्मा और नोनार के अखिलेश उपाध्याय सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जांच में रिकू यादव, चांद मियां, नईम मियां, अंशु कुमार, प्रमोद सिंह और श्याम विनय शर्मा का नाम आया था। इस मामले में 20 अगस्त 2019 को लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई गई। जबकि रिकू यादव, चांद मियां, नईम मियां, अंशु कुमार, प्रमोद सिंह और श्याम विनय शर्मा को उम्रकैद।

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