Home Bihar सब्जी बेचने वाले की गुम ‘खुशी’ तलाशेगी सीबीआई: बिहार पुलिस रही नाकाम, मुजफ्फरपुर पहुंची केंद्रीय जांच टीम

सब्जी बेचने वाले की गुम ‘खुशी’ तलाशेगी सीबीआई: बिहार पुलिस रही नाकाम, मुजफ्फरपुर पहुंची केंद्रीय जांच टीम

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सब्जी बेचने वाले की गुम ‘खुशी’ तलाशेगी सीबीआई: बिहार पुलिस रही नाकाम, मुजफ्फरपुर पहुंची केंद्रीय जांच टीम

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मुजफ्फरपुर पहुंची सीबीआई टीम को देख परिजनों को जागी उम्मीद।

मुजफ्फरपुर पहुंची सीबीआई टीम को देख परिजनों को जागी उम्मीद।
– फोटो : अमर उजाला

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16 फरवरी 2021…कोरोना के उतार-चढ़ाव का दौर। मुजफ्फरपुर में घर के पास ही सरस्वती पूजा पंडाल से खुशी गायब हो गई। पांच साल की रही होगी तब। डेढ़ महीने में इस घटना को दो साल हो जाएंगे। जब गायब हुई, तभी मां-बाप ने एक युवक पर शक जताया था। छह महीनों तक पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी, तो मां-बाप ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग उठाई। सीबीआई जांच नहीं होने पर आत्मदाह तक की धमकी दी। मगर, बिहार पुलिस से कुछ नहीं हुआ। इसी महीने की 5 तारीख को पटना हाईकोर्ट ने यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। एफआईआर दर्ज करते हुए शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने मुजफ्फरपुर में जांच शुरू कर दी। घटना के 20 महीने बाद भी जब सीबीआई ने जांच शुरू की तो पिता राजेंद्र साह ने कहा- “बहुत छोटे आदमी हैं हम, हमारे लिए देश की सबसे बड़ी एजेंसी आई है। उम्मीद है कि अब हमें हमारी बेटी मिल जाएगी।”

यह आस है बड़ी, अब सीबीआई जोड़ेगी कड़ियां
सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को जांच शुरू की तो सब्जी विक्रेता राजेंद्र साह और उनकी पत्नी के आंसू फिर निकल आए। उन्होंने कहा- “पांच साल की खुशी अब सात साल की हो गई होगी…बस, अब हमको हमारी बेटी मिल जाए…आस जगी है…उम्मीद है कि बहुत जल्दी मिल जाएगी…वह लोग भी बोल रहे हैं कि बहुत जल्दी हमारी बच्ची मिल जाएगी।” मुजफ्फरपुर के चर्चित खुशी अपहरण कांड में ब्रह्मपुरा थाना ने नामजद आरोपी अमन कुमार को गिरफ्तार किया था, लेकिन खुशी के परिजनों के अनुसार सख्ती से पूछताछ नहीं होने के कारण उसने सच छिपा लिया। शुक्रवार को सीबीआई जांच शुरू होने के बाद राजेंद्र साह ने कहा कि अब सीबीआई आगे-पीछे का सबकुछ जोड़ेगी, पता करेगी, सख्ती से पूछताछ करेगी तो खुशी मिल ही जाएगी।

बिहार पुलिस पर परिजनों की फरियाद, कोर्ट की फटकार बेकार
मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से गायब हुई खुशी को ढूंढ़ नहीं पाने पर हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस को हर सुनवाई में खरी-खोटी सुनाई, लेकिन न तो परिजनों की फरियाद सुनी गई और न न्यायालय की फटकार का असर पड़ा। इसी महीने 5 दिसंबर को हाईकोर्ट ने भी बिहार पुलिस से उम्मीद नहीं देख केस सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था। दो दिन पहले सीबीआई ने इस केस को हाथ में लिया और शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम ने ब्रह्मपुरा थाना से कागजातों की जानकारी के साथ केस से जुड़े पुलिस अधिकारियों से अबतक के तथ्य लिए। सीबीआई की टीम ने खुशी के मां-बाप से भी सारी जानकारी ली।

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16 फरवरी 2021…कोरोना के उतार-चढ़ाव का दौर। मुजफ्फरपुर में घर के पास ही सरस्वती पूजा पंडाल से खुशी गायब हो गई। पांच साल की रही होगी तब। डेढ़ महीने में इस घटना को दो साल हो जाएंगे। जब गायब हुई, तभी मां-बाप ने एक युवक पर शक जताया था। छह महीनों तक पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी, तो मां-बाप ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग उठाई। सीबीआई जांच नहीं होने पर आत्मदाह तक की धमकी दी। मगर, बिहार पुलिस से कुछ नहीं हुआ। इसी महीने की 5 तारीख को पटना हाईकोर्ट ने यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। एफआईआर दर्ज करते हुए शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने मुजफ्फरपुर में जांच शुरू कर दी। घटना के 20 महीने बाद भी जब सीबीआई ने जांच शुरू की तो पिता राजेंद्र साह ने कहा- “बहुत छोटे आदमी हैं हम, हमारे लिए देश की सबसे बड़ी एजेंसी आई है। उम्मीद है कि अब हमें हमारी बेटी मिल जाएगी।”



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