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Bhojpuri: गंगुबाई कठियावाड़ी जइसन कई गो फिल्म बनल बा वेश्या के ऊपर, जानी अइसन कुछ बड़ फिल्मन के

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Bhojpuri: गंगुबाई कठियावाड़ी जइसन कई गो फिल्म बनल बा वेश्या के ऊपर, जानी अइसन कुछ बड़ फिल्मन के

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गंगुबाई असल कहानी पर बनल बा. एकर नायिका गंगूबाई गुजरात के कठियावाड़ के रहवासी रहली आ उनका जीवन में बहुत कुछ घटल कि उ पहिले वेश्या आ फेर मुंबई के माफिया क्वीन बन गइली. वेश्या के मुख्य किरदार के आसपास कई गो बेहतरीन फिल्म बनल बाड़ी सन.

कुछ अइसने फिल्मन के चर्चा आज कइल जाई. गंगूबाई कठियावाड़ी के बड़ा तारीफ हो रहल बा. ई फिल्म में आलिया भट्ट एगो खूंखार अउरी खूबसूरत वेश्या गंगूबाई के रोल में बाड़ी. ई गंगूबाई के जनम कठियावाड़ के एगो संभ्रांत परिवार में भइल रहे. जब गंगुबाई किशोरावस्था में रहली तबे अपना पिता के मुनीम के साथे प्रेम में पड़ के घर छोड़ देहली. घर से भगला के बाद दुनू मुंबई अइलें. हालांकि मुनीम के इरादा कुछ अउर रहे. उ पैसा के चाह में जवानी के तरफ बढ़त गंगूबाई के मुंबई के मशहूर रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में ले आके एगो कोठा पर बेच देहलस. ओकरा एह एवज में 500 रुपिया मिलल, जवन 1950 के टाइम में बहुत होखे. गंगूबाई फेर इहवें के होके रही गइली. ओ बेरा ई तथ्य भी सभे जाने कि कोठा पर चल गइल लइकियन के वापस लवटल त नामुमकिन बा. जदि जइसे तइसे उ निकल भी आवsसन त समाज ओकनी के अपना साथे रहे ना देव. गंगूबाई में हिम्मत काफी रहे, एही के चलते उ कुछ दिन बादे आपन कोठा चलावे लगली. उनकर मुलाकात तब के मुंबई के खतरनाक माफिया करीम लाला से भइल. करीम गंगुबाई के हिम्मत के प्रशंसक हो गइलें अउरी उ गंगूबाई के रक्षा करे के बीड़ा उठवलें. गंगुबाई उनके राखी बांध के भाई बना लेहली अउरी ओकरा बाद उ धीरे धीरे करीम लाला के सोहबत में मुंबई के माफिया क्वीन बन गइली. हालांकि गंगूबाई कबो नया लइकिनियन के वेश्या ना बने देहली अउरी अपना समाज के सब औरत अउरी बच्चन के उत्थान खातिर हरदम लड़त रहली. एही के चलते गंगुबाई के अभियो कमाठीपुरा में मसीहा के जइसन मानल जाला.

कोठा पर काम करे वाली तवायफ़ अउरी वेश्या पर बहुते फिल्म सिनेमा के शुरुआत से बनत आइल बा. कुछ विशेष आ सफल फिल्मन के बात हमनी के कइल जाई.

प्यासा (1957)

गुरुदत्त के ई बेहतरीन फिल्म ‘प्यासा’ के कहानी भी एगो कवि अउरी एगो वेश्या के इर्द गिर्द रचल गइल रहे. फिल्म में विजय नाम के एगो कवि बा जेकर कवनो काम कबो पब्लिश नइखे होत. सभे ओकरा के रोमांटिक गजल गीत ना लिख के भूख गरीबी पर लिखला खातिर ताना देत बाड़ें. एक दिन विजय के काम रद्दी के भाव बेचा जात बा बाकिर एगो वेश्या गुलाबो ओकरा के खरीद लेत बिया अउरी अपना स्वर में ढाल के गावत बिया जवन बड़ा मशहूर होत बा. बाद में विजय एगो महान कवि के रूप में मशहूर हो जात बाड़ें लेकिन उनके आस पास भौतिकता के लोभ आ दिखावा एतना बा कि उ अपने के मृत कहि के गुलाबो के साथे अज्ञातवास के तरफ चल देत बाड़ें. ई फिल्म त क्लासिक भारतीय फिल्मन में आगे के पंक्ति में रखल जाला.

पाकीजा (1972)

गंगूबाई त अभी रिलीज भइल बा अउरी लागत बा कि अच्छा प्रदर्शन भी करी. बाकिर एह जौनर के जवन सबसे प्रसिद्ध फिल्म बा, उ ह पाकीजा. कमाल अमरोही के लेखन निर्देशन अउरी निर्माण में बनल ई फिल्म अपना कहानी, संगीत, अभिनय आ शानदार फिल्मांकन खातिर खूब जानल जाला. ई फिल्म में मीना कुमारी, अशोक कुमार अउरी राज कुमार के मुख्य भूमिका रहे. ई फिल्म एगो तवायफ़ साहिबजान के लखनऊ के कोठा से भाग जाए से शुरू भइल. ई फिल्म में साहिबजान सलीम नाम के जंगल रेंजर के साथे आपन जिनगी ठीक से बितावे के कोशिश करत बिया, बाकिर ओकर पुरान पेशा हरदम रोड़ा बनत बा. ई फिल्म के शूटिंग के शुरुआत 1956 में शुरू भइल रहे अउरी कई गो अड़चन के बाद 1971 में पूरा भइल रहे. फिल्म में तब 1.5 करोड़ के लागत लागल रहे अउरी ई फिल्म 50 हफ्ता ले सिनेमा से ना उतरल अउरी 6 करोड़ के कमाई कइलस. एकरा के क्लासिक फिल्म मानल जाला.

उमराव जान (1981)

रेखा, फारुख शेख अउरी राज बब्बर के मुख्य भूमिका में बनल फिल्म ‘उमराव जान’ अपना संगीत अउरी कहानी खातिर अभियो देखल जाला. ई फिल्म में रेखा के एगो तवायफ़ के रूप में भाव भंगिमा अउरी नृत्य लोग के एतना पसंद आइल रहे कि लोग उमराव जान पर खूब दिल लुटावल. फिल्म के व्यवसाय त सामान्य रहल बाकिर एकर गीत आजुओ प्रसिद्ध बा, जइसे ‘दिल चीज क्या है, आप मेरी जान लीजिए’, ‘जुस्तजू जिसकी थी’, ‘इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हजारों है’. एह फिल्म के चार गो राष्ट्रीय पुरस्कार मिलल. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री खातिर रेखा, सर्वश्रेष्ठ संगीतकार खातिर खय्याम, गायिका खातिर आशा भोंसले (गीत – ‘जुस्तजू जिसकी थी’) अउरी कला निर्देशन खातिर ‘मंजूर’ के राष्ट्रीय पुरस्कार मिलल.

चमेली (2004)

करीना कपूर के करियर के शुरुआत रहे अउरी उ ई चुनौतीपूर्ण फिल्म स्वीकार कर लेहली. चमेली उनके करियर के एगो बेहतरीन फिल्म कहल जा सकेला. एही फिल्म से उनके करियर पलटा खा गइल. ई फिल्म एक रात में घटल घटना के ऊपर बनल रहे. फिल्म में राहुल बॉस अमन के किरदार में रहले अउरी करीना चमेली के रोल में. अमन बरखा के रात में चमेली से अचानक मिललें अउरी फेर एक से जुड़ल दोसर घटना घटत गइल आ अमन के उदास जिनगी में कइसे बदलाव आइल, इहे फिल्म के कहानी रहे. ई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा व्यवसाय त ना कइलस बाकिर अपना कहानी के चलते अच्छा फिल्मन के श्रेणी में आवेला.

(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के जानकार हैं.)

टैग: आलिया भट्ट, भोजपुरी में लेख, भोजपुरी

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