Home Politics Shivpal Yadav: अब सरकारी बंगले पर भी नजर, क्या शिवपाल पर कम हो रही है योगी सरकार की ‘कृपा’?

Shivpal Yadav: अब सरकारी बंगले पर भी नजर, क्या शिवपाल पर कम हो रही है योगी सरकार की ‘कृपा’?

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Shivpal Yadav: अब सरकारी बंगले पर भी नजर, क्या शिवपाल पर कम हो रही है योगी सरकार की ‘कृपा’?

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लखनऊ: यूपी में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा जब जेड प्लस से घटाकर वाई कर दी गई तो वह सीएम योगी से मिले। इस मुलाकात के बाद उनकी सुरक्षा जेड कर दी गई। उसी वक्त सपा मुखिया अखिलेश यादव से अलग होने के बाद शिवपाल अपने राजनीतिक दल के कार्यालय के लिए भटक रहे थे। सरकार में उनकी बात हुई और उन्हें लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर दफ्तर के लिए बंगला मिल गया। छह साल बाद जब शिवपाल मैनपुरी में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के लिए वोट मांग रहे हैं तो उनकी सुरक्षा फिर घटाकर वाई कर दी गई है। शिवपाल की सुरक्षा में भले 11 सुरक्षाकर्मी कम हुए हों, पर यह उन पर सरकार की ‘कृपा’ कम होने का भी संकेत हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव से दूरियों के चलते शिवपाल को सरकार में जो अहमियत हासिल हुई थी, अब उसका दूरियों में बदलना तय है। चर्चा है कि यह मामला सिर्फ सुरक्षा में कमी पर ही नहीं रुकेगा।

बंगले पर ही टिकी निगाहें
सरकार से दूरियां शिवपाल को लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर मिले बंगले पर भी भारी पड़ सकती है। दरअसल, योगी सरकार ने उन्हें यह सरकारी आवास विधायक आवास के रूप में आ‌वंटित किया है। आवास के साथ ही यहां प्रसपा का कार्यालय भी संचालित होता है, जबकि विधायक सिर्फ इस बंगले में रहने के लिए अनुमन्य हैं। मैनपुरी के उपचुनाव में जिस तरह शिवपाल बीजेपी और योगी सरकार पर हमले कर रहे हैं, उसके बाद लग रहा है कि उनके इस आवास के आवंटन पर कभी भी संकट गहरा सकता है। सूत्रों के मुताबिक प्रसपा के कई पदाधिकारियों को सुरक्षा भी मुहैया करवाई गई है। शिवपाल के बाद उन सभी की सुरक्षा का रिव्यू किया जा रहा है। जल्द उनकी सुरक्षा हटाए जाने से जुड़े आदेश भी जारी हो सकते हैं।

रिवर फ्रंट की जांच में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई शिवपाल के सबसे करीबी कहे जाने वाले सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता को जेल भेज चुकी है। कुछ माह पहले सीबीआई ने उनके एक और करीबी रिटायर्ड आईएएस अफसर दीपक सिंघल से भी पूछताछ के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। मंजूरी का मामला फिलहाल अटका है। दीपक से पूछताछ के बाद जाहिर है कि सीबीआई की जांच का दायरा बढ़ेगा। ऐसा हुआ तो शिवपाल उसके घेरे में आएंगे। क्योंकि कई अहम बैठकों के साथ उन्होंने मंत्री के रूप में आरोपित और जांच के घेरे में आए अफसरों के साथ विदेश यात्राएं भी की थीं। अलावा शिवपाल के करीबियों के खिलाफ जिलों में दर्ज मुकदमों में भी कार्रवाई में तेजी आने के पूरी आसार हैं।

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