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पिछले दिनों शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में कोई पद न मिलने को लेकर मामला खूब गरमाया। विरोधी तंज कसने लगे थे कि एक बार फिर अखिलेश यादव ने उन्हें किनारे कर दिया है। हालांकि, शिवपाल यादव ने इस मामले में अब तक कोई बयान नहीं दिया है। वे सपा में कोई राजनीतिक पद को लेकर नहीं आने की बात कर रहे हैं। ऐसे में सोमवार को हो रही अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात ने माहौल को गरमा दिया। शिवपाल को समाजवादी पार्टी में कोई बड़ा ओहदा मिलने की बात चल रही है। राजनीतिक गलियारे में इस प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह कि क्या समाजवादी पार्टी में शिवपाल को कोई बड़ा पद देने की तैयारी की जा रही है?
शिवपाल को साधने की कोशिश कर रहे अखिलेश
अखिलेश यादव को शिवपाल की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। शिवपाल यादव की नाराजगी के कारण यादवलैंड की राजनीति में समाजवादी पार्टी की पकड़ कमजोर हुई है। हालांकि, मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव के परिणाम ने चीजों को पूरी तरह से बदल दिया है। शिवपाल इस चुनाव में पूरी तरह साथ थे। यादवलैंड में परिवार की एकता का संदेश गया। इससे धड़ों में बंटे समर्थकों ने एकजुट होकर वोटिंग की। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव को मिले वोटों से दोगुने से भी अधिक बड़े अंतर से डिंपल यादव ने भाजपा उम्मीदवार रघुवीर शाक्य को चुनावी मैदान में मात दी। अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद अपने परंपरागत वोट बैंक यादव और मुस्लिम को सहेजने की कवायद पर काम शुरू किया है। इस क्रम में वे यादवलैंड का लगातार दौरा कर रहे हैं। इस दौरान कई स्थानों पर शिवपाल यादव की नाराजगी का मुद्दा गरमा गया है।
लखनऊ में 50 मिनट तक चली दोनों नेताओं की मुलाकात
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की लखनऊ में 50 मिनट तक मुलाकात हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार की शाम शिवपाल यादव के आवास पर मिलने पहुंचे थे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, इस बैठक में शिवपाल यादव को पार्टी में अहम जिम्मेदारी देने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। शिवपाल से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव उनके आवास से निकले। मुलाकात के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को लेकर कोई बात नहीं कही है। माना जा रहा है कि यूपी विधान परिषद चुनाव, आगामी नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर समाजवादी पार्टी के एजेंडे में शिवपाल यादव को अहम रोल मिल सकता है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव उन्हें किसी भी स्थिति में नाराज नहीं करना चाहते हैं। इस मुलाकात को इस रूप में भी देखा जा रहा है।
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