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उन्होंने पूछा ‘बजट बनाते समय भी इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि अमुक वर्ग के लिए कितनी योजनाएं बनेंगी। जब आपके पास पिछड़े वर्ग का कोई डेटा ही नहीं है तो कहां से योजना बना पाएंगे। मैं सरकार से पुरजोर मांग करता हूं कि हमारा पड़ोसी राज्य बिहार अपने संसाधनों पर जातिवार जनगणना कराने का काम कर रहा है। क्या उत्तर प्रदेश की सरकार लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में जातिवार जनगणना का काम बिहार की तर्ज पर करेगी? पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्ग को न्याय दिलाने का काम करेगी।’
इस पर जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, ‘जनगणना का काम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार यह भारत सरकार का है। संघ सूची के क्रमांक 69 पर इस बात का उल्लेख है कि जनगणना का काम भारत सरकार कराएगी। भारत सरकार ने जनगणना के लिए एक अधिनियम और नियमावली भी बना कर रखी हुई है। इसलिए यह भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत आता है।
बीजेपी मंत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश अब बहुत आगे निकल चुका है। हम उत्तर प्रदेश को रिवर्स बिहार की तरफ नहीं पहुंचाना चाहते हैं। बिहार में जिस तरीके अराजकता है, भ्रष्टाचार है, नौकरियों के भीतर परिवारवाद है और यहां तक कि चारा खाने का काम जहां तक होता रहा है। उस तरफ उत्तर प्रदेश को नहीं ले जाना चाहते हैं। हम अपने तरीके से राज्य को उत्तर प्रदेश बनाना चाहते हैं। और हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबके प्रयास से आधार पर उत्तर प्रदेश को देश का सबसे सर्वोत्तम राज्य बनाना चाहते हैं। इसलिए जो राज्य पिछड़ेपन का शिकार है, उस तरफ नहीं जाना चाहते हैं।’
इस जवाब के बाद सदन में हंगामा मच गया। सपा विधायक वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। शिवपाल की अगुवाई में हंगामा होने लगा। स्पीकर सतीश महाना आगे और सदस्यों को प्रश्न करने के लिए आमंत्रित करते रहे और फिर कार्यवाही ही स्थगित कर दी।
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