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Success Story: अपने गांव से पहली दरोगा बनी चार बेटियां, मां की बरसी पर मिली वर्दी

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Success Story: अपने गांव से पहली दरोगा बनी चार बेटियां, मां की बरसी पर मिली वर्दी

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Success Story: उत्तरप्रदेश के आगरा में अलग-अलग गांव से चार बेटियां पुलिस में दरोगा यानि उप-निरीक्षक बनी हैं। इसमें से एक बेटी का सपना उसकी मां की बरसी पर पूरा हुआ है। वहीं, अपने पूरे परिवार के साथ पूरे गांव से यह पहली चार बेटियां हैं, जो दरोगा बनी हैं।

उत्तरप्रदेश पुलिस

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Success Story: उत्तरप्रदेश के आगरा में अलग-अलग गावों में रहने वाली चार बेटियां के कंधे पर सितारें सजे हैं। चारों बेटियां अपने पूरे परिवार के साथ गांव में भी पहली बेटी हैं, जो उत्तरप्रदेश पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर तैनात होंगी। चारों बेटियां आगरा के गांव अकोला, धनौली, नगला बसुआ और नगला बीच से हैं। इनमें से एक बेटी का अपनी मां की बरसी पर दरोगा बनने का सपने पूरा हुआ है। आइये जानते हैं, इन बेटियों की संघर्ष की कहानी।

मां की बरसी पर पूरा हुआ सपना

गांव धनौली मलपुरा निवासी 23 वर्षीय शीबा गांव से पहली बेटी हैं, जो दरोगा बनी हैं। शीबा के मुताबिक, उनकी मां श्यामवती का 15 अप्रैल 2021 में निधन हो गया था। इसके बाद पिता ने जिम्मेदारी उठाई। उनके पिता शशि कुमार साड़ी का काम करते हैं। वहीं, बेटी का तैयारी में साथ देने के लिए पिता भी सुबह चार बजे उठकर तीन से चार किलोमीटर तक दौड़ लगाते थे।

किसान की बेटी बनी दरोगा

गांव अकोला निवासी नेहा चाहर के पिता किसान हैं। गांव में कोई भी बेटी दरोगा नहीं बनी हैं। इसके साथ ही परिवार में भी कोई पुलिस में दरोगा नहीं है। ऐसे में पिता की इच्छा की थी बेटी पुलिस में दरोगा बनकर नाम रौशन करे। इसके लिए नेहा ने मेहनत की और उत्तरप्रदेश पुलिस में दरोगा बनकर पिता का सपना सच किया।

होमगार्ड की बेटी बनी दरोगा

गांव नगला बसुआ निवासी पीयूषी भी पुलिस में दरोगा बनी हैं। उनके पिता सुरेंद्र पाल होमगार्ड के तौर पर कार्यरत हैं। वहीं, मामा आरक्षी के पद पर हैं। पीयूषी के पिता चाहते थे कि बेटी पुलिस में दरोगा बने। इसक लिए पीयूषी बीते दो वर्षों से मेहनत कर रही थी। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने यूपी पुलिस में दरोगा बनने का सपना सच कर दिया है।

पुलिस आरक्षी से बनी दरोगा

मनीषा चाहर गांव नगला बीच की रहने वाली हैं। उन्होंने साल 2020 में पुलिस में आरक्षी के पद पर ज्वाइन किया था। हालांकि, उनके किसान पिता आजाद सिंह चाहते थे कि बेटी दरोगा बने। ऐसे में बेटी ने भी अपने पिता के सपने को सच करने की ठान ली थी। उन्होंने साल 2021 में यूपी पुलिस दरोगा की परीक्षा उत्तीर्ण कर अधिकारी बनकर अपने पिता का सपना पूरा किया।

शादी के एक साल बाद बनी दरोगा

गांव जारुआ कटरा की वर्षा रानी ने भी दरोगा की परीक्षा में सफलता हासिल की है। वह तीन सालों से दरोगा की परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इस बीच एक साल पहले उनकी शादी हो गई थी। हालांकि, शादी होने के बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी कम नहीं होने दी और तैयारी को जारी रखा। इसमें उनके पिता के साथ-साथ पति ने भी पूरा साथ दिया। ऐसे में साल 2021 की परीक्षा में वर्षा ने भी दरोगा बनने का सपना सच कर दिया है।

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