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IPS Success Story: सात साल की तैयारी, चार बार फेल, पांचवे प्रयास में IPS बने शुभम अग्रवाल

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IPS Success Story: सात साल की तैयारी, चार बार फेल, पांचवे प्रयास में IPS बने शुभम अग्रवाल

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IPS Success Story: आईपीएस शुभम अग्रवाल ने यूपीएससी सिविल सेवा के लिए सात साल तक तैयारी की। इस दौरान वह चार बार फेल हो गए और पांचवे प्रयास में सफलता हासिल की। हालांकि, यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। इस लेख के माध्यम से पढ़ें शुभम अग्रवाल की कहानी।

IPS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा, एक ऐसी परीक्षा है, जिसकी तैयारी के लिए युवा कई सालों तक तैयारी करते हैं। हालांकि, इसके बाद भी सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। ऐसे में इस लंबी यात्रा में कई बार असफलता देखने के बाद कई युवाओं का हौंसला टूट जाता है। इस बीच कई युवा अपनी असफलताओं से सीखकर सफलता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता तय करते हैं। आज हम आपको शुभम अग्रवाल की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सात सालों का इंतजार किया। इस दौरान वह चार बार फेल हुए और पांचवे प्रयास में आईपीएस बन सफलता प्राप्त की।

शुभम अग्रवाल का परिचय

शुभम अग्रवाल मूलरूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर के डबरा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंन अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही पूरी की। इसके बाद वह भोपाल चले गए। वहां से उन्होंने साल 2014 में भोपाल के एक्सीलेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया।

पिताजी ने किया प्रेरित

शुभम के मुताबिक, उनके पिता ने उन्हें यूपीएससी सिविल सेवा के लिए प्रेरित किया था। ऐसे में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा में अपना करियर बनाने की ठानी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली आकर एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया और अपनी तैयारी शुरू कर दी।

पहले प्रयास में मेंस में फेल

शुभम ने मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी के दौरान अपना अधिक फोकस प्रीलिम्स पर किया था। ऐसे में उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा तो पास कर ली थी, लेकिन वह मेंस की तैयारी पर ध्यान नहीं दे सके। नतीजन, उन्हें अपने पहले प्रयास में असफलता का मुंह देखना पड़ा।

टूटने लगा था हौंसला

यूपीएससी की अपनी यात्रा को जारी रखते हुए शुभम ने अपना दूसरा प्रयास किया। हालांकि, इस बार भी किस्मत को उनकी हार ही मंजूर थी। ऐसे में उन्होंने फिर से असफलता का मुंह देखा। यही नहीं वह अपने तीसरे प्रयास में भी फेल हो गए थे, जिससे उनका हौंसला टूटना लगा था।

ध्यान और व्यायाम को बनाया ताकत

शुभम के मुताबिक, जब उनका हौसंला टूटना लगा तो, उन्हें परिवार की ओर सहयोग मिला। ऐसे में उन्होंने उस समय ध्यान और व्यायाम को आधार बनाकर तैयारी को धार देना शुरू किया।

चौथे प्रयास में इंटरव्यू में फेल

शुभम ने पूरी मेहनत के साथ अपना चौथा प्रयास किया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेंस की परीक्षा को भी पास कर लिया था। वह इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन खराब प्रदर्शन की वजह से वह इंटरव्यू से बाहर हो गए थे, लेकिन मंजिल को इतने करीब से देखने के बाद उनका हौंसला टूटने के बजाय और बढ़ गया था। ऐसे में उन्होंने अपना पांचवा प्रयास करने का निर्णय लिया।

परीक्षा के दिन हो गया था एक्सीडेंट

यूपीएससी के पांचवे प्रयास में शुभम का जिस दिन सामान्य अध्ययन का पेपर था, उस दिन उनका एक्सीडेंट हो गया था। एक बाइक से टक्कर होने की वजह से उनके सिर में चोट लग गई थी और खून बहने लगा था, लेकिन उन्होंने चोट की परवाह न करते हुए परीक्षा पर ध्यान दिया। उन्होंने अपने सिर पर रूमाल बांधा और मुंह साफ कर परीक्षा देने चले गए थे।

सात साल बाद मिली सफलता

शुभम ने साल 2020 में अपना पांचवा प्रयास किया। इस दौरान बीते सात सालों में वह कई बार आशा-निराशा देखने के बाद एक बार फिर से इंटरव्यू तक पुहंचे। इंटरव्यू में उन्होंने पहले से अच्छा प्रदर्शन किया और 153वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अधिकारी बन गए। वर्तमान में वह टेलीग्राम पर अपना यूपीएससी चैनल चलाकर छात्रों की मदद भी कर रहे हैं।

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