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अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के सरमस्तपुर पंचायत की महिलाएं अब जीविका के सहकारी समूह के तहत सैनिटरी पैड तैयार करेंगी. इसके लिए समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. सच्ची सहेली स्वावलंबी सहकारी समूह के अंतर्गत महिलाएं सैनिटरी पैड के निर्माण से जुड़ रही हैं. ग्रामीण महिलाएं सैनिटरी पैड का निर्माण कार्य से जुड़ने को लेकर काफी खुश हैं. उनका कहना है कि इस उत्पादन यूनिट के लगने से हमलोगों की आमदनी बढ़ेगी. साथ ही, वो महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए भी काम करेंगी.
सच्ची सहेली सहकारी समूह की अध्यक्ष गुड़िया देवी ने बताया कि सैनेटरी पैड हर किशोरी और महिला की जरूरत है. इसका चलन पहले शहरी इलाकों में ही था. लेकिन अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसको लेकर जागरूकता फैलने लगी है. ऐसे में अब इन इलाकों में भी सैनेटरी पैड की मांग बढ़ने लगी है. सरमस्तपुर पंचायत में सैनिटरी पैड का निर्माण होना हम सभी के लिए खुशी की बात है.
गुड़िया देवी ने आगे कहा कि सैनेटरी पैड उत्पादन के लिए महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. इसमें हमें खुद से मशीन चलाना सिखाया गया है. यहां बनने वाला सैनेटरी पैड पूर्ण तौर पर महिलाओं के द्वारा महिलाओं के लिए है.
3 रुपया है एक सैनिटरी पैड की लागत
सच्ची सहेली सैनेटरी पैड निर्माण से जुड़ी कार्यपालिका संजू कुमारी ने बताया कि इस फैक्ट्री के माध्यम से लगभग 2,500 से 3,000 सैनेटरी पैड प्रतिदिन तैयार किया जाएगा. इसकी लागत तीन रुपया प्रति पैड है. उन्होंने कहा कि इस फैक्ट्री का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को कम दर पर सैनेटरी पैड उपलब्ध कराना है. बाजार में बिकने वाले कंपनियों के सैनेटरी पैड बेहद महंगे हैं.
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पहले प्रकाशित : 02 मार्च, 2023, 13:25 IST
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