सीएम नीतीश कुमार की सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी के सितारे इन दिनों सही नहीं चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में योगी सरकार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के बाद जहां भाजपा उन पर हमलावर है, वहीं दूसरी ओर अब उनकी अपनी पार्टी वीआईपी के अंदर से भी विरोध के सुर उठने लगे हैं।
मुजफ्फरपुर की साहेबगंज विधानसभा सीट से पार्टी के विधायक राजू कुमार सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी की ओर से हाल में दिए गए बयान को पूरी तरह से गलत करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है। एनडीए में रहकर लालूवादी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा, भाजपा ने मुकेश सहनी का सबकुछ दिया। पार्टी के सभी विधायक जल्द ही बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।
लालूवादी विचारधार को बढ़ावा दिया जा रहा
साहेबगंज से विधायक राजू सिंह ने कहा कि एनडीए में रहते हुए जिस तरह से लालूवादी विचारधार को पार्टी के अंदर बढ़ावा दिया जा रहा है ,यह मुझे पसंद नहीं है। वर्तमान संदर्भ में विधायक राजू सिंह के इस बयान को काफी महत्व दिया जा रहा है। क्योंकि भाजपा की अोर से कई नेताओं ने यह दावा किया है कि वीआइपी के तीनों विधायक ही मुकेश सहनी के साथ नहीं हैं।
तेजस्वी यादव को छोटा भाई बताने के बाद राजद की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। मुजफ्फरपुर के कई राजद विधायकों ने तो साफ तौर पर कह दिया था कि मुकेश सहनी पहले अपना घर संभाल लें। क्या वे यह गारंटी ले सकने की हालत में हैं कि उनके तीनों विधायक उनके साथ हैं?
पहले भी विरोध जता चुके हैं
यह कोई पहला मौका नहीं है जब साहेबगंज विधायक ने अपने बयान से पार्टी प्रमुख को असहज किया हो। इससे पहले भी एक बार एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का वीआइपी की ओर से बहिष्कार किए जाने के बाद राजू सिंह ने इसकी आलोचना की थी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसके प्रति नाराजगी प्रकट की थी।
साथ ही यह भी कहा था कि पार्टी के सभी विधायकों को अपनी बातों को रखने का अधिकार है। इसे कोई रोक नहीं सकता है। उसके बाद अब राजू सिंह के बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि नए संदर्भ में राजू सिंह के बयान को किस रूप में लिया जाता है। खासकर उनकी पार्टी के अंदर इसकी क्या प्रतिक्रिया होती है?