Home Muzaffarpur Muzaffarpur Shelter Home Case : सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम से छुड़ाई गई लड़कियों का जाना हाल, मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Muzaffarpur Shelter Home Case : सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम से छुड़ाई गई लड़कियों का जाना हाल, मांगी स्टेटस रिपोर्ट

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Muzaffarpur Shelter Home Case : सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम से छुड़ाई गई लड़कियों का जाना हाल, मांगी स्टेटस रिपोर्ट

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मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस (Muzaffarpur Shelter Home Case) में बड़ा अपडेट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शेल्टर होम से मुक्त कराई जाने के बाद अपने परिवार के पास पहुंचाई गई लड़कियों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने उनकी कुशलता के बारे में जानकारी को लेकर ये रिपोर्ट मांगी है। बालिका गृह में यौन उत्पीड़न किए जाने के आरोप 2018 में सामने आए थे।

सर्वोच्च अदालत ने क्या कहा
सर्वोच्च अदालत ने इस बात का भी जिक्र किया कि जिन 12 लड़कियों को मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम से निकाला गया उन्हें बिहार में अलग-अलग बालिका गृहों में रखा गया है। वे मानसिक रूप से अशक्त हैं और कुछ हद तक शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने प्राधिकार को इन लड़कियों को पहले दिए गए मुआवजे के भुगतान की स्थिति से भी अवगत कराने को कहा है।

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शेल्टर होम से छुड़ाई गई लड़कियों को लेकर कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
बेंच ने इस बात का जिक्र किया कि एक और मुद्दा छुड़ाई गई लड़कियों की कुशलता के बारे में है, जिन्हें उनके परिवार से मिला दिया गया है। कोर्ट ने कहा, ‘हम संबद्ध राज्य के बाल सुरक्षा सोसाइटी को उसकी ओर से उठाए गए कदमों की डिटेल और उन लड़कियों की मौजूदा स्थिति के बारे में उपयुक्त स्टेटस रिपोर्ट भेजने का निर्देश देते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद के लिए मुल्तवी कर दी।

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क्या था पूरा मामला
मुजफ्फरपुर में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था। यह विषय मई 2018 में सामने आया। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में यह उजागर किया कि बालिका गृह में लड़कियों का कथित यौन उत्पीड़न किया गया। शीर्ष कोर्ट ने मामले को बिहार से दिल्ली के साकेत जिला अदालत स्थित पॉक्सो कोर्ट के पास भेज दिया था। निचली अदालत ने मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया था और विभिन्न अवधि की कैद की सजा सुनाई थी।

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