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लोगों को नदियों के बारे में समझाया
डॉ. राजेंद्र सिंह ने लोगों को समझाते हुए नदियों की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि किसी भी नदी की कुछ मांगें होती हैं। उन्हें समाज को पूरा करना होता है। राजेंद्र सिंह ने पानी के दुरुपयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसे रोकना अनिवार्य है। जल की बर्बादी पूरे मानव जीवन की बर्बादी है। उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि बूढ़ी गंडक नदी में प्राकृतिक स्रोत से जल का आना बंद हो चुका है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने रिवर को सीवर से अलग करने की जरूरत पर बल दिया।
नदी बचाना जरूरी-डॉ. राजेंद्र सिंह
राजेंद्र सिंह ने कहा कि जन सहयोग से ही इस मरती हुई नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि नदी को 3 उपाय से बचाया जा सकता है। नदी के जमीन में अतिक्रमण तबाही का कारण बन सकता है। दूसरा उपाय यह करना होगा कि नदियों को अविरल निर्मल बहने दिया जाए इसमें किसी प्रकार के बांध नहीं बनाएं जाएं। उसके अलावा उन्होंने तीसरा उपाय बताते हुए कहा कि नालियों के गंदे पानी को नदियों में मिलाना छोड़ दिया जाए। जब तक नदी और नाले अलग-अलग नहीं होंगे तब तक नदी को बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
रिपोर्ट-संदीप
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