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Muzaffarpur News: जिंदा हैं… मोक्ष की आस है, पिछले साल किया था श्राद्ध… अब मनाई बरसी

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Muzaffarpur News: जिंदा हैं… मोक्ष की आस है, पिछले साल किया था श्राद्ध… अब मनाई बरसी

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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शख्स ने खुद के जीवित रहते, खुद ही एक साल पहले अपना श्राद्ध किया था। अब बरसी भी मनाई। मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के भरतीपुर निवासी हरिचंद्र दास ( 75 ) ने पिछले साल अपना श्राद्ध किया था। इस साल उन्होंने उसकी बरसी भी मनाई। बरसी कार्यक्रम में पूरा गांव भी शामिल हुआ। बरसी की पूजा, भजन-कीर्तन, सिर मुंडवाने से लेकर भोज तक के सारे नियम किए गए।

दरअसल, हरिचंद्र दास आखिरी पड़ाव में पहुंच चुके हैं। उन्हें शंका रहती है कि उनके मरने के बाद उनके बेटे सही से उनका श्राद्ध करेंगे या नहीं। बस इसी सोच ने उन्होंने खुद ही अपना श्राद्ध और बरसी करने की सोची। पिछले साल 15 नवंबर को उन्होंने अपना श्राद्ध किया था। तिथि के अनुसार, इस साल 4 नंवबर यानि शुक्रवार को अपनी बरसी मनाई।

हरिचंद्र दास ने पूरी विधि-विधान के साथ अपनी बरसी की। पहले सिर मुंडवाया। फिर सफेद धोती पहनी। पंडित ने पूरी विधि के साथ मंत्र भी पढ़े। फिर जो दान की प्रक्रिया होती है, वह भी पूरा गई। देर शाम तक सारे नियम पूरे किए गए। इसके बाद रात में भोज का आयोजन किया गया। उनके साथ उनकी पत्नी और घर के अन्य सदस्य भी साथ थे।

जब उनसे खुद से अपना श्राद्ध और बरसी करने का कारण पूछा गया तो बोले की हम साधु-संत हैं। अपना सारा काम खुद करके जाएंगे। इसलिए अपना श्राद्ध खुद से करते हैं। हरिचंद्र दास के दो बेटे हैं। दोनों शादीशुदा है। दूसरे प्रदेश में रहकर मेहनत मजदूरी करते हैं। जिससे घर परिवार चलता है। हरिचंद्र बुजुर्ग हो चुके हैं। इसलिए कोई काम नहीं करते हैं। घर पर ही रहते हैं।

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