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Muzaffarpur News: क्यों ‘एक दिन का फल’ है केसौर? देखें इस बसंत पंचमी पर कैसे दस गुना घटे इसके दाम

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Muzaffarpur News: क्यों ‘एक दिन का फल’ है केसौर? देखें इस बसंत पंचमी पर कैसे दस गुना घटे इसके दाम

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रिपोर्ट : अभिषेक रंजन

मुजफ्फरपुर. केसौर बिहार में बहुतायत से उपजने वाला एक ऐसा फल है, जिसकी बिक्री बसंत पंचमी पर खासतौर से सरस्वती पूजा के प्रसाद के तौर पर होती है. यही कारण है कि किसान इस फल की खेती बसंत पंचमी पर बेचने के लिहाज़ से करते हैं. असल में, मिट्टी के भीतर उगने वाले ​शकरकंद को यहां केसौर कहा जाता है. बिहार में इस फल की कहानी विचित्र भी है और दिलचस्प भी. पिछले दो सालों के मुकाबले इस साल इसकी कीमत 10 गुना घट गई तो किसानों ने मुनाफे की जो उम्मीद पाल रखी थी, उस पर पानी फिर गया. यह भी रोचक है कि इसे एक दिन का फल क्यों कहते हैं!

मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सब्जी और फल बिक्री की साइट ‘पेठिया’ के ओनर आशीष कुमार बताते हैं कि केसौर फल की सबसे ज्यादा बिक्री बसंत पंचमी में ही होती है. आम दिनों में इसकी डिमांड कम होती है. आशीष बताते हैं कि किसानों के द्वारा इस सीजन में उपजाए गए 80% केसौर की बिक्री सिर्फ बसंत पंचमी के लिए होती है. बाकी बचे हुए केसौर की बिक्री महाशिवरात्रि तक होती रहती है.

आम तौर से 3-4 किलो बेचना भी मुश्किल

आशीष ने इस बसंत पंचमी पर 5 क्विंटल केसौर बेचा है. मुजफ्फरपुर में ऐसे दर्जनों दुकानदार हैं, जिनके यहां 2 दिनों से अधिकांश मात्रा में केसौर ही बेचा जा रहा था. अशीष का कहना है आम दिनों में 3-4 किलो केसौर बेचना भी मुश्किल है, लेकिन बसंत पंचमी के अवसर पर 5 क्विंटल की बिक्री बड़ा रिकॉर्ड है. सिर्फ इसी दिन के लिए किसान केसौर की खेती करते हैं. इसी दिन की बिक्री से फल और सब्जी विक्रेताओं की उम्मीद भी टिकी होती है क्योंकि उनके लिए मुनाफे का यही एक दिन है.

400 रुपए किलो बिका था केसौर, अब 40!

अमगोला रोड के फल विक्रेता धनेश्वर साह ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों से कोरोना का असर रहने के कारण सार्वजनिक तौर पर पूजा-पाठ पर भी रोक थी. इस कारण किसानों ने इसकी खेती कम की थी. यही कारण रहा कि पिछले साल केसौर की कीमत 400 रुपया प्रति किलो तक थी. बढ़ी कीमत को देखते हुए इस बार किसानों ने इसकी खूब खेती की, लेकिन पैदावार अधिक रहने के कारण पहले जैसा रेट नहीं मिला. धनेश्वर ने कहा इस साल केसौर की कीमत मात्र 30 से 40 रुपया प्रति किलो है.

टैग: खाद्य व्यवसाय, Muzaffarpur news

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