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मुजफ्फरपुर के सदर थाना की पुलिस ने शांति विहार कॉलोनी से फर्जी ADM को गिरफ्तार किया है। जब सदर थानेदार सत्येंद्र मिश्रा फोर्स लेकर उसे पकड़ने गए तो उसने पुलिस पर ही नकली पिस्टल तान दी थी। पुलिस को उस समय लगा कि पिस्टल असली है।
इससे पुलिस कुछ सेकेंड के लिए घबरा गई, लेकिन सब इंस्पेक्टर जैनेंद्र झा और मणिभूषण कुमार ने एक झटके में उसे जमीन पर पटक दिया। उसके हाथ से पिस्टल छीन लिया। तब पुलिस को पता लगा कि पिस्टल नकली है।
उसने फर्जी अफसर बनकर एक विधवा से शादी की। बाद में कैश और प्लॉट बेचकर रुपए ऐंठ लिए। पूछताछ में उसकी पहचान पटना के गर्दनीबाग के आकाश कुमार के रूप में हुई है। वह अपनी पत्नी प्रभा के साथ रहता है। इसी घर से पुलिस ने उसे दबोचा। वह अपनी पत्नी और रिश्तेदारों से बताया था कि कुछ दिन में डीएम बन जाएगा।
दो नकली पिस्टल से लेकर तीन वायरलेस सेट मिले
आकाश के घर की तलाशी ली गई। वहां से कटिहार और मुजफ्फरपुर ADM का प्लेट, मुजफ्फरपुर समाहरणालय का प्लेट, कई दस्तावेज, दो नकली पिस्टल, कई मेडल, लाल बत्ती, तीन वायरलेस, बिहार सरकार का आई कार्ड, चाकू समेत अन्य सामान बरामद हुआ।
पुलिस जब उसे हिरासत में लेकर गाड़ी में बैठा रही थी तो इस दौरान भी उसने खूब जोर जबरदस्ती की। सिपाहियों की मदद से उसे जबरन गाड़ी में बिठाकर थाना लाया गया। आरोपी के साला प्रकाश कुमार ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है। टाउन DSP रामनरेश पासवान ने बताया कि- पूछताछ चल रही है। कल उसे जेल भेजा जाएगा।
नकली पिस्टल और बिहार सरकार का ID बरामद।
पुलिस पर जमाता था धौंस
आरोपी इतना शातिर था कि सदर थाना पर कई बार वह अलग-अलग काम या किसी मामले की पैरवी करने तक पहुंचा था। उसने सब इंस्पेक्टर जैनेंद्र झा को परेशान कर रखा था। उन्हें कई बार कॉल कर ADM होने का धौंस देता था।
उन्हें कॉल कर कहता था कि मेरी गाड़ी में किसी ने टक्कर मार दी है। जल्दी गश्ती गाड़ी भेजो। अगर थोड़ी देर हो जाती तो उन्हें दोबारा कॉल कर धौंस देता था। कभी किसी को पकड़ने के लिए कॉल कर देता। सब इंस्पेक्टर नहीं समझ पाए कि वह फर्जी ADM है। आज जब प्रकाश ने शिकायत की तब उन्हें पता लगा।
विधवा से कर ली शादी
प्रकाश ने बताया कि एक साल पूर्व वह एक केस में फंस गया था। इसमें उसकी बहन प्रभा का भी नाम था। वह और उसकी बहन सदर थाना आए थे। इसी दौरान आरोपी से उसकी बहन की मुलाकात हुई थी।
वह विधवा है, यह जानकर आरोपी खूब सहानुभूति दिखाते बहन के करीब आ गया। उसने अपना परिचय कटिहार ADM के रूप में दिया था। केस में भी मदद करने का झांसा दिया। धीरे-धीरे दोनों करीब आए और पिछले साल जुलाई में शादी कर ली।
मुजफ्फरपुर एडीएम की प्लेट बरामद
बहाना बनाकर ऐंठता रहा रुपए
इस बीच आरोपी ने कहा कि- उसका ट्रांसफर मुजफ्फरपुर ADM के पद पर हो गया है। फिर यही पत्नी के घर पर रहने लगा। इसके बाद अलग-अलग बहाने बनाकर रुपए ऐंठने लगा। कभी कहता कि सैलरी तीन महीने से नहीं आई है तो कभी कहता विभागीय काम है। इस तरह कर पत्नी के अकाउंट से करीब आठ लाख रुपए ले लिए।
फिर उसका 10 लाख का जेवर भी बेचकर पूरा पैसा रख लिया। इसके बावजूद पटना में उसकी बहन का एक जमीन था। उसे भी 40 लाख रुपए में बेच दिए और पूरा कैश रख लिया। जब भी उसकी बहन पैसा मांगती तो टालमटोल जवाब देकर बात को टाल देता था।
DM बनने का दिया था झांसा
इधर, दो महीने पूर्व उसने कहा कि उसका प्रमोशन होने वाला है। पहले SDM बनेगा। उसके बाद DM बनेगा। इसी में कुछ रुपए खर्च होने की बात कही थी। इसी दौरान प्रकाश को उसपर शक हो गया था।
जब भी वह उसे फोन करता और विभागीय या नौकरी से सम्बंधित कोई बात पूछता तो हमेशा टाल देता था। यह कहकर फोन काट देता था कि DM का तो कभी कमिश्नर का, कभी पटना SSP तो कभी मुजफ्फरपुर SSP या नीतीश कुमार के PA का कॉल आ रहा है। सैलरी स्लिप दिखाने को कहता तो वह भी नहीं दिखाता था।
बमराद कटिहार ADM का प्लेट।
संपत्ति बेचने का पता लगा तब की शिकायत
प्रकाश ने बताया कि- ‘उसने अपनी बहन का एकाउंट चेक किया। तब उसे पता लगा कि पूरा पैसा निकल चुका है। फिर उसने अपनी बहन से पूछताछ की तो उसने पूरी बात बताई। तब उसका शक यकीन में बदल गया कि हो न हो यह फर्जी ADM बनकर उनलोगों को ठग रहा है।
इसके बाद वह रविवार को शिकायत करने थाना पहुंचा। सब इंस्पेक्टर आरोपी का नाम सुनते ही पहचान गए। उन्हें सबकुछ समझ में आ गया कि यही व्यक्ति उनपर भी इतने दिनों से धौंस जमा रहा है। आननफानन में पुलिस टीम ने रेड कर उसे दबोच लिया।’
टाउन डीएसपी पूछताछ कर रहे हैं।
DSP ऑफिस तक पहुंचा था
पुलिस जांच और पूछताछ में परत-दर-परत सब राज खुलकर सामने आने लगे। टाउन DSP भी उससे पूछताछ करने थाना पहुंचे।
उसे देखते ही पहचान लिया कि यह वही व्यक्ति है जो एक दो बार उनके ऑफिस तक कटिहार ADM बनकर आया था। उसके पास से जो भी कागजात बरामद हुए हैं। उसे खंगालने की कवायद की जा रही है।
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