Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर की बूढ़ी गंडक में गंदगी देख निराश हुए जलपुरुष, सूखी नदियों को बचाने के लिए दिए टिप्स

मुजफ्फरपुर की बूढ़ी गंडक में गंदगी देख निराश हुए जलपुरुष, सूखी नदियों को बचाने के लिए दिए टिप्स

0
मुजफ्फरपुर की बूढ़ी गंडक में गंदगी देख निराश हुए जलपुरुष, सूखी नदियों को बचाने के लिए दिए टिप्स

[ad_1]

अभिषेक रंजन/मुजफ्फरपुर. रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पूरे विश्व में जलपुरुष के नाम से विख्यात डॉ. राजेंद्र सिंह मुजफ्फरपुर आए हैं. इस दौरान राजेंद्र सिंह ने सिकंदरपुर स्थित बूढ़ी गंडक नदी का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में नदी में पड़ी हुई गन्दगी को देखकर जलपुरुष काफी निराश हो गए. राजेंद्र सिंह ने कहा कि मानवीय महत्वकांक्षा के कारण जल प्रदूषण का संकट रोज बढ़ता चला जा रहा है. नदियों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही पोखर, तालाब और अन्य जल संग्रहण के संसाधनों को बनाए रखने की आवश्यकता है.

जल का हो रहा बड़े पैमाने पर दुरुपयोग

इस दौरान राजेंद्र सिंह ने कहा कि जल जीवन और हरियाली को बचाए रखने के लिए जल को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. जल का बहुत दुरुपयोग होता है. अनावश्यक रूप से उसकी बर्बादी होती है, जिसे रोकना अनिवार्य है. बूढ़ी गंडक नदी के प्राकृतिक स्रोत या तो सूखते जा रहे हैं या फिर नष्ट होते चले जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर की बूढ़ी गंडक नदी काजल प्रदूषण के कारण काली पड़ गई है, शहर में मौजूद कई फैक्ट्रियों का कचरा भी इस नदी के अंदर जाता है, जिस कारण इस नदी का पानी अब जहरीला हो चुका है.

जन सहयोग से कर सकते हैं नदी को पुनर्जीवित

उन्होंने बताया कि नदी को 3 उपाय से बचाया जा सकता है. इसमें सबसे पहला नदी की जमीन सिर्फ नदी के लिए ही हो. उसमें किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जाए. दूसरा उपाय यह करना होगा कि नदियों को अविरल निर्मल बहने दिया जाए. ना वहां बांध बांधे जाएं और ना ही नदियों की दिशा से छेड़छाड़ की जाए. जबकि तीसरा उपाय यह है कि नदी में नालियों के गंदा पानी को मिलाना छोड़ दिया जाए. जब तक नदी और नाले अलग-अलग नहीं होंगे, तब तक नदी को बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

.

पहले प्रकाशित : 30 मई, 2023, दोपहर 12:33 IST

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here