Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर किडनी चोरी केस: 80 साल का अनजान बचाना चाहता है सुनीता की जान, अंगदान को है राजी – muzaffarpur kidney theft case 80 year old man wants to donate kidney to sunita – News18 हिंदी

मुजफ्फरपुर किडनी चोरी केस: 80 साल का अनजान बचाना चाहता है सुनीता की जान, अंगदान को है राजी – muzaffarpur kidney theft case 80 year old man wants to donate kidney to sunita – News18 हिंदी

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मुजफ्फरपुर किडनी चोरी केस: 80 साल का अनजान बचाना चाहता है सुनीता की जान, अंगदान को है राजी – muzaffarpur kidney theft case 80 year old man wants to donate kidney to sunita – News18 हिंदी

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रिपोर्ट : अभिषेक रंजन

मुजफ्फरपुर. गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर निजी क्लीनिक में डॉक्टर द्वारा दोनों किडनी निकाल लेने के बाद जिंदगी और मौत के बीच झूल रही मुजफ्फरपुर की सुनीता (32) की मदद में 80 साल के एक बुजुर्ग खड़े हो गए हैं. उन्होंने सुनीता को अपनी किडनी देने की पेशकश की है. यह वृद्ध साधारण से परिवार से हैं और बिजली से संबंधित छोटा-मोटा काम कर खुद किसी तरीके से रहते हैं. मालूम हो कि पिछले 2 महीने से सुनीता लगातार डायलिसिस के सहारे जिंदा है.

मुजफ्फरपुर के ही बालूघाट के रहनेवाले 80 वर्षीय श्यामनंदन सिंह बिजली मिस्त्री का काम करते हैं. उन्होंने अब तक शादी नहीं की है. श्याम नंदन बताते हैं कि बहुत दिनों से उनकी इच्छा थी कि अपना अंगदान कर दें. इस बीच मीडिया में सुनीता के बारे में लगातार पढ़ने को मिला, तो उनसे नहीं रहा गया. इसलिए वे सुनीता को अपनी किडनी देना चाहते हैं.

‘मैंने तो जी ली है अपनी जिंदगी’

श्याम सुंदर सिंह कहते हैं कि मैंने तो अपनी जिंदगी जी ली है, लेकिन सुनीता की उम्र कम है. बिना किडनी के जीना संभव नहीं है. मेरी किडनी अगर सुनीता का जीवन बचा ले तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है. मैं उसे किडनी देने के लिए तैयार हूं. उन्होंने बताया कि बीते दिन वे सुनीता से मिलने मेडिकल कॉलेज भी गए थे. सुनीता को जब उन्होंने बताया कि वे उसे किडनी देंगे, तो सुनीता रोने लगी.

ट्रांसप्लांट से पहले कई जांच

80 वर्षीय श्याम सुंदर सिंह की किडनी सुनीता के शरीफ में सेट होगी या नहीं, यह तो बाद की बात है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने एक अनजान महिला के लिए किडनी देने का ऑफर किया है, यह चर्चा का विषय है. आपको बता दें कि किडनी डोनेट करने से पहले कई तरह की जांच होती है. सारी जांच के बाद ही फैसला होता है कि डोनर की किडनी मरीज में लगने लायक या नहीं.

मेडिकल एक्सपर्ट की राय

मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने बताया कि सुनीता के किडनी डोनर के विषय में किसी प्रकार की जानकारी अब तक नहीं आई है. किडनी डोनेट करने की एक विशेष प्रक्रिया है. जब तक सभी जांच और मरीज की हिस्टो कंपेटिब्लिटी टेस्ट नहीं हो जाता, तब तक किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती. कोई भी व्यक्ति किसी को भी किडनी नहीं दे सकता है. इसके कुछ नियम और मेडिकल जांच की प्रक्रिया है. अधीक्षक डॉ. झा ने बताया कि फिलहाल सुनीता का इलाज डॉक्टर की देखरेख में जारी है.

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