Home Muzaffarpur पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर का मेंटर बना आईआईटी पटना: आईआईटी के शिक्षक पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर के स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास और परीक्षा भी लेंगे

पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर का मेंटर बना आईआईटी पटना: आईआईटी के शिक्षक पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर के स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास और परीक्षा भी लेंगे

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पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर का मेंटर बना आईआईटी पटना: आईआईटी के शिक्षक पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर के स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास और परीक्षा भी लेंगे

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आईआईटी पटना अब राजकीय पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर का मेंटर बन गया है। आईआईटी के शिक्षक यहां स्टूडेंट्स का ऑनलाइन क्लास लेंगे। उनकी दुविधाओं का निवारण करेंगे।

अगले 6 महीने तक इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन की बेसिक से लेकर एडवांस स्किल्स और थ्योरी-प्रैक्टिकल की जानकारी इन्हीं शिक्षकों की देखरेख में दिया जाएगा। पढ़ाई के बाद आईआईटी के शिक्षक ही पॉलीटेक्निक के स्टूडेंट्स की परीक्षा लेंगे।

मूल्यांकन करेंगे और इसकी रिपोर्ट स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन को सौंपेंगे। राजकीय पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन के क्षेत्र में सेंटर अॉफ एक्सीलेंस बन गया है।

आईआईटी पटना की देखरेख में इस सेंटर को तैयार किया गया है। अब यहां अन्य तीन पॉलीटेक्निक के स्टूडेंट्स पहुंचकर इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन से संबंधित प्रैक्टिकल और एडवांस स्किल्स सीखेंगे।

सभी ब्रांच के स्टूडेंट्स अब पांचवें सेमेस्टर में पढ़ेंगे इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन

राजकीय पॉलीटेक्निक के फिफ्थ सेमेस्टर के सभी ब्रांच के स्टूडेंट्स को फिफ्थ सेमेस्टर में इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन की पढ़ाई करनी होगी। इतना ही नहीं इस पेपर में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल और मैकेनिकल के स्टूडेंट्स को हर हाल में इस पेपर में पास होना अनिवार्य है।

आईआईटी पटना के शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाएंगे। वहीं, संस्थान के 6 शिक्षकों को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग और काउंसलिंग भी की गई है। इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन की पढ़ाई की अवधि 6 माह की होगी।

आईआईटी पटना के सहयोग से बना मॉडर्न सॉफ्टवेयर लैब

संस्थान में सीओई के तहत आईआईटी पटना के सहयोग से मॉडर्न सॉफ्टवेयर लैब तैयार किया गया है। इसमें स्टूडेंट्स सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम समेत अन्य तकनीकी ट्रेनिंग और प्रैक्टिकल करेंगे। इसमें 30 अत्याधुनिक कंप्यूटर इंस्टॉल किए गए हैं। स्मार्ट स्क्रीन से लेकर फर्नीचर और फर्श भी बने हैं। वहीं हार्डवेयर लैब बनाए जाने की प्रक्रिया जारी है।

इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार तैयार होंगे संस्थान में बच्चे

इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार ही अब शैक्षणिक संस्थानों में बच्चे तैयार होंगे। एक्सपर्ट डॉ केके सिंह ने बताया, इंडस्ट्री में प्रोडक्शन के लिए स्काडा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। पहले कैंपस प्लेसमेंट में चयनित स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री में जाने के बाद 3-6 महीने की ट्रेनिंग देनी पड़ती थी। अब इसकी सुविधा संस्थान स्तर से ही मिलेगी।

 

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