Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड: आई हॉस्पिटल में बैक्टीरिया के प्रभाव के चलते 16 लोगों ने गंवाई अपनी आंख

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड: आई हॉस्पिटल में बैक्टीरिया के प्रभाव के चलते 16 लोगों ने गंवाई अपनी आंख

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मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड: आई हॉस्पिटल में बैक्टीरिया के प्रभाव के चलते 16 लोगों ने गंवाई अपनी आंख

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मुजफ्फरपुर
चर्चित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड में फाइनल जांच रिपोर्ट आ गई है। छह दिसंबर को इस मामले की फाइनल जांच रिपोर्ट सामने आई है। जांच में ओटी में दो तरह की बैक्टीरिया मिलने की बात कही गई है। सीएस की रिपोर्ट में ‘आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में सुडोमोनास और स्टेफायलोकोकस बैक्टीरिया पाया गया है। यह काफी खतरनाक बैक्टीरिया होता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बैक्टीरिया (जीवाणु) एक से दो दिन में ही यह आंखों को खराब कर देता है। एसकेएमसीएच में जिन लोगों की आंख निकाली गयी, उनमें भी यह बैक्टीरिया पाया गया।

बता दें कि पिछले साल 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की ओर से मोतियाबिंद ऑपरेशन कैंप लगाया गया था। इस शिविर में 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। आंखों का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों ने बताया था, ‘ऑपरेशन को एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि उनकी आंखों में जलन, दर्द और नहीं दिखने जैसी समस्याएं होने लगी। इसके बाद इन लोगों ने जब इसकी शिकायत आई हॉस्पिटल पहुंचकर चेकअप कराया तो डॉक्टरों ने इंफेक्शन की बात कही। डॉक्टरों ने आंखें निकलवाने की सलाह दी। डॉक्टरों ने कहा कि अगर आंख नहीं निकाली गई तो दूसरी आंख भी खोना पड़ेगा। 16 लोगों की आंखें निकाल दी गईं।

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पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं
घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी इन पीड़ितों को ना तो बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई और ना ही घोषित मुआवजे की राशि दी गई। नीतीश सरकार की ओर से मुआवजा राशि की घोषणा तो की गई पर राशि का खुलासा नहीं किया गया था। 2 महीने बीत जाने के बाद इन सभी का इंतजार जब खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था तो गुरुवार को सभी पीड़ित मुजफ्फरपुर समाहरणालय जिला अधिकारी का घेराव करने पहुंचे पर कोरोना संक्रमण का हवाला देकर उन्हें धरना प्रदर्शन नहीं करने दिया गया।

आंख निकाल दिए गए पीड़ितों ने बताया कि वह सब बेहद गरीब परिवार से आते हैं और महंगा इलाज कराने में सक्षम नहीं है सरकार अगर मुआवजे की घोषणा करती है तो उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए था वहीं कुछ लोगों ने आंख के बदले आंख की मांग की कहा उन्हें मुआवजा नहीं चाहिए।

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