
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना वायरस की तीसरी लहर के कारण आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट आई है। जनवरी 2022 के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री काफी घट गई है। जिले में पेट्रोल की बिक्री एक लाख लीटर कम हो गई तो डीजल की बिक्री आधी हो गई।
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाधार पांडेय ने बताया कि जिले के सभी पेट्रोल पंप मिलाकर तीन लाख लीटर से अधिक की बिक्री होती थी, अभी दो लाख लीटर तक बिक्री हो रही । वहीं, डीजल की बिक्री 8 से 9 लाख लीटर प्रतिदिन से घटकर 4-साढ़े चार लाख पर चली गई है। इससे आर्थिक क्षति हो रही। दूसरी समस्या राज्य सरकार की गलत नीतियों से भी पेट्रोल पंप व्यवसायियों को भारी नुकसान हो रहा।
राज्य में वैट के अलावा क्रूड आयल पर 10 प्रतिशत आक्ट्राय ड्यूटी भी लगाया हुआ है। इस कारण यहां पेट्रोल-डीजल अन्य राज्यों से अधिक महंगा है । सरकार अगर आक्ट्राय ड्यूटी हटा ले तो चार छह रुपये तक पेट्रोल-डीजल के दाम और घट जाएंगे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर कोरोना इफेक्ट तो है हीं, दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रक आदि वाहन चालक बिहार में घुसने से पहले यूपी बार्डर पर ही टंकी में तेल फुल करा ले रहे।
इस कारण भी राज्य के व्यापारियों का नुकसान हो रहा । उन्होंने कहा कि असम में यहां से तीन रुपये प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल सस्ता है। वहीं यूपी में साढ़े छह रुपये लीटर पेट्रोल-डीजल सस्ता है तो वाहन कर्मी यहां से छह रुपये महंगा क्यों लेंगे। उन्होंने कहा कि, आक्ट्राय ड्यूटी हटा दें तो राज्य में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ जाएगी और सरकार को प्रतिदिन वैट से करोड़ों रुपये की आय होगी। इसपर न किसी अधिकारी की नजर है और विभाग व सरकार की। वहीं कोरोना संक्रमण के दौर में जरूरी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे।