
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल खोलने को लेकर पूर्व पार्षद सुरेश कुमार चौधरी की ओर से सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है।
मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण के मामले में बंद मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल खोलने को लेकर पुलिस की ओर से अनापत्ति जताने पर शनिवार को यह अर्जी दाखिल की गई है। पूर्व पार्षद के अधिवक्ता विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी।
अर्जी में बताया, उत्तर बिहार का बेहतरीन अस्पताल
पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार चौधरी की ओर से 18 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में ई-मेल के माध्यम से आनलाइन अर्जी दाखिल की गई थी। कोर्ट ने मामले के आइओ व ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।
इसके आलोक में ब्रहापुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की। इसमें कहा कि सील कमरों को खोलने में कोई आपत्ति नहीं है। अर्जी में इसे उत्तर बिहार का बेहतरीन अस्पताल बताया था।
यह है मामला
मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण होने की शिकायत पर सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने पिछले साल दो दिसंबर को ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले की जांच के क्रम में पुलिस ने मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को सील कर दिया था।
कंबाइंड बिल्डिंग के 33 नंबर कमरा में होगा पीपी कार्यालय
जासं, मुजफ्फरपुर : कचहरी परिसर से सटे कंबाइंड बिल्डिंग के कमरा नंबर 33 में लोक अभियोजक का कार्यालय होगा। प्रमंडलीय आयुक्त ने इस कार्यालय के लिए कमरे का आवंटन कर दिया है।
इसकी जानकारी पीपी प्रमोद कुमार शाही ने दी। इससे पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट कक्ष के बगल स्थित लोक अभियोजक के चैंबर में ही इस कार्यालय का संचालन किया जा रहा था।
तिरहुत नहर की जमीन सेे हटाया गया अतिक्रमण
ढोली (मुजफ्फरपुर), संस : मुरौल प्रखंड की सादिकपुर मुरौल पंचायत में तिरहुत नहर फेज पर दो वर्षों से अतिक्रमित चार घरों को शनिवार को जेसीबी से हटाया गया। इस संबंध में सीओ राजीव रंजन ने बताया वर्षों से अतिक्रमित चार घरों को हटा दिया गया।
बता दे कि तिरहुत नहर फेज -2 के निर्माण के विरोध में कई माह तक ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि इसका निर्माण प्रारंभ हो गया। विभिन्न स्थानों पर नहर की जमीन पर वर्षों से लोग घर का निर्माण कर रह रहे थे। इस भूमि पर कई परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का लाभ दिया गया जिसे बनाकर अपने परिवार के साथ वर्षों से रह रहे थे।
इससे निर्माण कार्य में बाधा आ रही है। अंचल प्रशासन कई बार इनलोगों को नोटिस दे चुका था, लेकिन लोग हटने को तैयार नहीं थे। आखिरी अल्टीमेटम के बाद भी नहीं हटने पर जेसीबी से इनके पक्के मकान को तोड़कर अतिक्रमण हटा दिया गया। अब तिरहुत नहर फेज दो के निर्माण में तेजी आएगी।