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इस मौके पर सुशील मोदी के निशाने पर सीएम नीतीश रहे। नीतीश कुमार के कृषि नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनकी ही सरकार के पूर्व कृषि मंत्री ने सरकार की नीतियों का खुलासा कर दिया। जिस कारण उन्हें मंत्रिमंडल से हटाना पड़ा। कुछ ही दिन पहले बिहार के कृषि मंत्री रहे सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग पर सवाल खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। जिसमें सवाल खड़ा किया है कि बिहार के कृषि रोड मैप में तीन लाख करोड़ रूपए खर्च हुए है और अनाज का उत्पादन एक लाख मीट्रिक टन कैसे घट गया। इसका जबाव मुख्यमंत्री को देना होगा।
साथ ही सुशील मोदी ने मोतिहारी के महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के जमीन नहीं मिलने और वर्षों से किराये के मकान में चलने पर सरकार पर सवाल खड़ा किया। साथ ही विश्वविद्यालय के लिए शीघ्र जमीन उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कहा कि जमीन मिलने पर संस्थान की अपनी भवन होगी और बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से चल सकेगा।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने किसानों को नसीहत देते हुए कहा कि भले ही लोग पहले किसानों को भगवान का रूप मानते थे, मगर अब किसान भगवान बनने के चक्कर में न पड़े और अपने को व्यवसायी बनाएं। पारंपरिक खेती को छोड़ कर नगदी खेती की ओर ध्यान दें। तभी किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। कार्यक्रम के समाप्ति के बाद जिले में संचालित हो रहे किसानों के ग्रामस्तरीय संगठनों FPO के बीच आलू के चिप्स काटने की मशीन वितरित किया गया। ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके। वहीं, लॉटरी के माध्यम से एक किसान को गीर नस्ल की एक गाय दी गई, जिसकी कीमत करीब 80 हजार रुपए बताई जाती है।
रिपोर्ट- आभा सिन्हा
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