Home Bihar Sattuan Parv 2023: सतुआन पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, पूजा के बाद दान पुण्य का किया काम, जानें इसका महत्व

Sattuan Parv 2023: सतुआन पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, पूजा के बाद दान पुण्य का किया काम, जानें इसका महत्व

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Sattuan Parv 2023: सतुआन पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, पूजा के बाद दान पुण्य का किया काम, जानें इसका महत्व

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गुलशन सिंह

बक्सर. मेष संक्रांति यानी सतुआन को लेकर शुक्रवार की सुबह 4 बजे से ही बिहार के बक्सर में श्रद्धालुओं की भीड़ पौराणिक रामरेखा घाट पर पहुंचने लगी. सतुआन पर्व को लेकर जिले भर में उत्साह का माहौल बना रहा. दूर-दराज से हजारों श्रद्धालु रामरेखाघाट पहुंचे तथा उत्तरायणी गंगा में आस्था की डुबकी लगायी. वहीं, मंदिर में दर्शन-पूजन के पश्चात दान-पुण्य करने के बाद लोगों ने सत्तू का सेवन किया.

सतुआन पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने रामरेखा घाट से लेकर आस-पास के इलाके में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था. जगह-जगह पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी. रामरेखा घाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे सब-इंस्पेक्टर अंगद सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निर्देश पर सुबह चार बजे से ही पुलिसबल के साथ ड्यूटी पर जमे हुए हैं. इस दौरान, श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई समस्या न हो, इसका ख्याल रखा जा रहा था. उन्होंने बताया कि भीड़ अधिक होने के कारण कई महिला व बच्चे अपने स्वजनों से बिछड़ जा रहे थे, जिन्हें खोया-पाया सेंटर के द्वारा सत्यापन के बाद उनके परिजनों से मिलाने का काम किया गया.

सतुआन पर गंगा में डुबकी लगाने से मनोकामनाएं होती है पूरी

गंगा आरती सेवा समिति रामरेखा घाट के मुख्य पुजारी लाला बाबा ने बताया कि सतुआन पर्व के साथ ही खरमास की समाप्ति हो गई. उन्होंने बताया कि आज (शुक्रवार) उत्तरायणी गंगा में डुबकी लगाने से भक्तों को न सिर्फ जाने-अनजाने में किये गए पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. उन्होंने बताया कि सतुआन त्योहार भगवान सूर्य के मीन से मेष राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाने की परंपरा है. उन्होंने बताया कि सतुआन पर्व को लेकर अहले सुबह से रामरेखा घाट से लगते अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी.

बिहार के कई जिलों से गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे श्रद्धालु

पुजारी लाला बाबा ने बताया कि सतुआन पर्व पर बक्सर, रोहतास, आरा, कैमूर सहित पड़ोसी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिये यहां पहुंचे थे. गंगा स्नान एवं दान-पुण्य का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा. लाला बाबा के मुताबिक मेष संक्रांति में स्नान-दान का काफी महत्व है. इससे धन, सुख, ऐश्वर्य, शांति, निरोगता, बल, बुद्धि एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा सत्तू, आम, गुड़, घी, पंखा, मिट्टी के बर्तन, ठंडा जल, छाता, अन्न दान एवं पंचांग दान किया जाता है.

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