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आशुतोष कुमार पांडेय | नवभारतटाइम्स.कॉम | अपडेट किया गया: 23 दिसंबर 2022, सुबह 7:01 बजे
बिहार के सारण जिले के छपरा में लगभग सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर काल के गाल में समा गये। उसी सारण जिले की सीता देवी की जिंदगी में शराबबंदी बहार लेकर आई। शराब पीने से पति की मौत के बाद भटक रही सीता देवी को जीविका समूह की ओर से सिक्की कला में पारंगत किया गया। उसके बाद अब सीता देवी सिक्की कला से चूड़ी, डाली और डोला बनाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही हैं। बिहार के सरस मेले में पटना पहुंची सीता देवी की जिंदगी में बदलाव को टटोला एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने। जीविका समूह की ओर से सबसे पहले सीता देवी को प्रशिक्षित किया गया। उसके बाद उन्हें मार्केट मुहैया कराया गया। सीता देवी आज की तारीफ में अपने पैरों पर खड़ी हैं। जीविका समूह की ओर से उन्हें सरस मेले में स्टॉल दिया गया है। जहां, वे अपनी कला को बेचकर पैसे कमा रही हैं।
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