Home Bihar Patna University: ‘अमर उजाला’ की खबर के बाद PhD में भी लागू हुआ EWS आरक्षण, पहले वाले एडिट कर सकेंगे

Patna University: ‘अमर उजाला’ की खबर के बाद PhD में भी लागू हुआ EWS आरक्षण, पहले वाले एडिट कर सकेंगे

0
Patna University: ‘अमर उजाला’ की खबर के बाद PhD में भी लागू हुआ EWS आरक्षण, पहले वाले एडिट कर सकेंगे

[ad_1]

अमर उजाला की खबर के बाद हुआ सुधार- मंगलवार तक और अब के विकल्प देखें।

अमर उजाला की खबर के बाद हुआ सुधार- मंगलवार तक और अब के विकल्प देखें।
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

पटना यूनिवर्सिटी (PU) ने पीएचडी (PhD) दाखिले में आरक्षण का सिस्टम सुधार दिया है। पीएचडी दाखिले में मंगलवार तक आर्थिक पिछड़ा श्रेणी (EWS) के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया था, लेकिन अब आरक्षण में EWS चुनने का भी विकल्प जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही 6 जनवरी से 10 जनवरी तक ईडब्ल्यूएस श्रेणी चुने बगैर मजबूरी में जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, उन्हें EWS का विकल्प चुनने के लिए एडिट करने का का प्रावधान भी दिया गया है। ‘अमर उजाला’ की एक्सक्लूसिव खबर के बाद राजभवन से दिशा-निर्देश लेकर पटना विवि ने यह सुधार किया है।

वीसी ने कहा था राजभवन से लेंगे निर्देश, छात्र नेताओं ने भी उठाया मुद्दा
मंगलवार सुबह प्रकाशित खबर में ‘अमर उजाला’ ने बताया था कि पटना यूनिवर्सिटी ने पीएचडी दाखिले में यूजीसी (UGC) की गाइडलाइन को दरकिनार कर आरक्षण नहीं दिया है। पटना विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने इस खबर में उठाए जा रहे सवालों के जवाब में कहा था कि राजभवन से गाइडलाइन लेने के बाद इसे सुधारा जा सकता है, क्योंकि अबतक पीएचडी दाखिले में 2019 में लागू EWS आरक्षण से पहले का कुलाधिपति का निर्देश लागू है। खबर के बाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ (PUSU) के अध्यक्ष आनंद मोहन, पूर्व अध्यक्ष आशीष सिन्हा समेत छात्र नेताओं ने भी सुधार की मांग रखी। इसके अलावा, अभ्यर्थियों ने भी प्रक्रिया सुधार कर EWS आरक्षण लागू नहीं किए जाने पर आंदोलन की धमकी दी थी।

कुलपति ने बताया- जो आवेदन कर चुके, उनके लिए एडिट का विकल्प जोड़ा
कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि मंगलवार को दोपहर राजभवन से इस विषय में पटना यूनिवर्सिटी ने दिशा-निर्देश मांगा था, जिसपर रात में कुलाधिपति की सहमति मिल गई। वीसी ने कहा कि कुलाधिपति ने पीएचडी दाखिले में भी प्रावधान के अनुसार ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की सहमति दी है, इसलिए अब इसका विकल्प ऑनलाइन आवेदन के फॉर्म में जोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन छात्रों ने यह विकल्प नहीं रहने के कारण 6 से 10 जनवरी तक आवेदन किया है, वह अगर इस श्रेणी के हैं तो एडिट भी कर सकते हैं।

छात्रों ने की परेशान करने वालों को चिह्नित कर दंडित करने की मांग
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के नेताओं समेत हजारों छात्रों ने अमर उजाला की खबर के लिए धन्यवाद दिया। पीएचडी दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्रों ने कहा कि इस तरह छात्रों को जानबूझकर परेशान भी किया गया था और पटना विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की भी कोशिश हुई थी। देर आए, दुरुस्त आए कहते हुए छात्रों ने मांग रखी कि 2019 से लागू आर्थिक पिछड़ा आरक्षण को लेकर इस तरह का रवैया अपनाने वाले जिम्मेदार अफसरों को खोज कर कुलपति उन्हें दंडित करें। दरअसल, इस मांग की वजह भी खबर में थी कि 2019 से लागू प्रावधान को पटना विवि बाकी पाठ्यक्रमों में मान रहा था और बाकी विवि पीएचडी दाखिले में भी इसे मानकर ही प्रक्रिया कर रहे हैं। इसके अलावा अगर कुलाधिपति के मंतव्य की जरूरत थी तो ऑनलाइन आवेदन मांगने से पहले ही यह किया जाना चाहिए था।

विस्तार

पटना यूनिवर्सिटी (PU) ने पीएचडी (PhD) दाखिले में आरक्षण का सिस्टम सुधार दिया है। पीएचडी दाखिले में मंगलवार तक आर्थिक पिछड़ा श्रेणी (EWS) के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया था, लेकिन अब आरक्षण में EWS चुनने का भी विकल्प जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही 6 जनवरी से 10 जनवरी तक ईडब्ल्यूएस श्रेणी चुने बगैर मजबूरी में जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, उन्हें EWS का विकल्प चुनने के लिए एडिट करने का का प्रावधान भी दिया गया है। ‘अमर उजाला’ की एक्सक्लूसिव खबर के बाद राजभवन से दिशा-निर्देश लेकर पटना विवि ने यह सुधार किया है।

वीसी ने कहा था राजभवन से लेंगे निर्देश, छात्र नेताओं ने भी उठाया मुद्दा

मंगलवार सुबह प्रकाशित खबर में ‘अमर उजाला’ ने बताया था कि पटना यूनिवर्सिटी ने पीएचडी दाखिले में यूजीसी (UGC) की गाइडलाइन को दरकिनार कर आरक्षण नहीं दिया है। पटना विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने इस खबर में उठाए जा रहे सवालों के जवाब में कहा था कि राजभवन से गाइडलाइन लेने के बाद इसे सुधारा जा सकता है, क्योंकि अबतक पीएचडी दाखिले में 2019 में लागू EWS आरक्षण से पहले का कुलाधिपति का निर्देश लागू है। खबर के बाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ (PUSU) के अध्यक्ष आनंद मोहन, पूर्व अध्यक्ष आशीष सिन्हा समेत छात्र नेताओं ने भी सुधार की मांग रखी। इसके अलावा, अभ्यर्थियों ने भी प्रक्रिया सुधार कर EWS आरक्षण लागू नहीं किए जाने पर आंदोलन की धमकी दी थी।

कुलपति ने बताया- जो आवेदन कर चुके, उनके लिए एडिट का विकल्प जोड़ा

कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि मंगलवार को दोपहर राजभवन से इस विषय में पटना यूनिवर्सिटी ने दिशा-निर्देश मांगा था, जिसपर रात में कुलाधिपति की सहमति मिल गई। वीसी ने कहा कि कुलाधिपति ने पीएचडी दाखिले में भी प्रावधान के अनुसार ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की सहमति दी है, इसलिए अब इसका विकल्प ऑनलाइन आवेदन के फॉर्म में जोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन छात्रों ने यह विकल्प नहीं रहने के कारण 6 से 10 जनवरी तक आवेदन किया है, वह अगर इस श्रेणी के हैं तो एडिट भी कर सकते हैं।

छात्रों ने की परेशान करने वालों को चिह्नित कर दंडित करने की मांग

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के नेताओं समेत हजारों छात्रों ने अमर उजाला की खबर के लिए धन्यवाद दिया। पीएचडी दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्रों ने कहा कि इस तरह छात्रों को जानबूझकर परेशान भी किया गया था और पटना विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की भी कोशिश हुई थी। देर आए, दुरुस्त आए कहते हुए छात्रों ने मांग रखी कि 2019 से लागू आर्थिक पिछड़ा आरक्षण को लेकर इस तरह का रवैया अपनाने वाले जिम्मेदार अफसरों को खोज कर कुलपति उन्हें दंडित करें। दरअसल, इस मांग की वजह भी खबर में थी कि 2019 से लागू प्रावधान को पटना विवि बाकी पाठ्यक्रमों में मान रहा था और बाकी विवि पीएचडी दाखिले में भी इसे मानकर ही प्रक्रिया कर रहे हैं। इसके अलावा अगर कुलाधिपति के मंतव्य की जरूरत थी तो ऑनलाइन आवेदन मांगने से पहले ही यह किया जाना चाहिए था।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here