[ad_1]
Bihar Politics: बिहार समेत पूरे देश में हिंदू और हिंदुओं के आस्था को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा लगातार ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, जिससे बहुसंख्यक समाज की भावना आहत हो रही है। अब बिहार के नेता भी हिंदुओं के धर्मग्रंथों को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे।
हाइलाइट्स
- 2024 में ‘कमंडल’ बनाम ‘मंडल’ चाहता है विपक्ष?
- बीजेपी के राष्ट्रवाद से जुड़ रहे ‘हिंदुओं’ को तोड़ने की है कवायद?
- हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रही सियासी बयानबाजी
- राम से लेकर रामचरितमानस तक पर उठे सवाल
जिसे मन करता है वह हिंदुओं के खिलाफ करता है बयानबाजी
2014 में केंद्र की सत्ता में बीजेपी की सरकार और नरेंद्र दामोदर दास मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही विपक्ष के राजनीतिक दल, खासकर कांग्रेस ने पीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के 2 साल बाद तक हिंदुओं को लेकर विपक्ष द्वारा बयानबाजी लगभग ना के बराबर थी। उस वक्त बीजेपी खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मुसलमान विरोधी बताने की भरपूर कोशिश की गई। देश की जनता ने संभवत पहली बार विपक्ष के मुंह से असहिष्णु शब्द सुना होगा। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों का कहना था कि भारत की स्थिति असहिष्णु हो गई है, अब यह रहने लायक देश नहीं रहा। उस वक्त साहित्यकारों ने अपने अवार्ड भी वापस करना शुरू कर दिया था। हालांकि यह बात अलग है कि अवार्ड के साथ मिले लाखों रुपये की राशि उन्होंने नहीं लौटायी। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद तो विपक्षी नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार के साथ साथ हिंदुओं के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस के बाद अब तो कई पार्टियां हिंदुओं को जाति में बांटने के लिए धर्मग्रंथों को भी नहीं छोड़ रही। स्थिति यह हो गई है कि अब जिसे मन करता है, वह हिंदू भावनाओं को आहत पहुंचाने के लिए हिंदू देवी देवता के साथ धर्म ग्रंथों पर भी प्रहार करने से बाज नहीं आ रहा।
जातियों में बंटे हिंदू हो रहे एकजुट
राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था। बीजेपी को 303 सीटें मिलने के बाद यह और यह कहा जाने लगा था कि राष्ट्रवाद के नाम पर हिंदू एक हो रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि देश के बहुसंख्यक आबादी को भी यह लगने लगा था कि सैकड़ों साल से हिंदू आस्था के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा था। नरेंद्र मोदी की सरकार न सिर्फ उस आस्था का सम्मान कर रही है बल्कि पूरी दुनिया में हिंदू संस्कार और संस्कृति को फैलाने का काम भी कर रही है। इसे देख विपक्ष को लगने लगा कि सिर्फ मुसलमानों का वोट लेकर सत्ता हासिल करना मुश्किल है। जानकारों का कहना है कि विपक्ष को यह लगने लगा था कि राष्ट्रवाद के नाम पर जातियों में बटे हिंदू अब एकजुट होने लगे हैं। इसलिए विपक्ष ने एक बार फिर हिंदुओं को जातियों में बांटने की रणनीति तैयार की है।
बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान एक सोची समझी रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव में रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक बयान अचानक नहीं दिया है। बल्कि इसके पीछे लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों द्वारा तैयार की गई स्क्रिप्ट है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष ने 2024 को लेकर जो स्क्रिप्ट तैयार किया है बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान उसी स्क्रिप्ट का महज एक पार्ट है। 2024 के लिए जो स्क्रिप्ट तैयार की गई है उसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत मोदी विरोधी तमाम राजनीतिक दल शामिल है। जानकारों का कहना है कि 2024 तक हिंदुओं पर किए जाने वाले प्रहार और एकजुट हो रहे हिंदुओं को तोड़ने की कोशिश लगातार की जाती रहेगी।
राष्ट्रवाद के खिलाफ मंडल-कमंडल की लड़ाई चाहती है विपक्ष
जानकार बताते हैं कि नरेंद्र मोदी की सरकार देश में लगातार राष्ट्रवाद को लेकर जनता को एकजुट करने का प्रयास कर रही है। विपक्ष को भी पता है कि एक बार हिंदू यूनाइट हो गए तो उनकी राजनीतिक दुकान भी बंद हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को भी यह लगने लगा है कि सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति से काम नहीं चलने वाला। इसलिए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष द्वारा लिखे गए स्क्रिप्ट के तहत ही बिहार की महागठबंधन सरकार ने जातीय गणना कराने का फैसला लिया था। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि जातीय जनगणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दलों द्वारा देशभर में आरक्षण का मुद्दा उठाकर हिंदुओं को बांटने की कोशिश की जाएगी। क्योंकि देश का विपक्ष किया अच्छी तरह जानता है कि मुद्दों पर नरेंद्र मोदी से सीधी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती।
आसपास के शहरों की खबरें
नवभारत टाइम्स न्यूज ऐप: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
[ad_2]
Source link