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क्या बिहार में ओमीक्रोन ने तीसरी लहर को बना दिया बेकाबू? क्या ओमीक्रोन की वजह से तीसरी लहर बिहार में तोड़ रहा रिकॉर्ड? ये सारे सवाल उस जानकारी के बाद उठ रहे हैं जिसमें पता चला है कि बिहार के 8 लोगों के सैंपल में ओमीक्रोन वेरियंट मिला है।
एक स्थानीय अखबार की खबर के मुताबिक IGIMS (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में इसी 3 जनवरी से कोरोना पॉजिटिव लोगों के टेस्ट के लिए सैंपल लेकर ओमीक्रोन वैरिएंट की जांच जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए कराई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक 3 जनवरी को जांच के लिए लगाए गए 24 सैंपल में 12 की DNA-RNA मैचिंग कराई गई। इसमें कुल सैंपल्स में ओमीक्रोन वेरियंट मिला जिसके करीब 45 म्यूटेशन सामने आए। हालांकि आधिकारिक और विभागीय तौर पर ओमीक्रोन की अब तक पुष्टि नहीं की गई है।
बिहार में ओमीक्रोन वेरियंट के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू
बिहार में साल 2021 तक ओमीक्रोन का पता लगाने की सुविधा नहीं थी। पटना के IGIMS में इसकी शुरूआत कर दी गई है। फिर भी सूबे में एक साथ सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों का जीनोम सीक्वेंसिंग करना अभी मुश्किल काम ही है। ऐसे में माना जा सकता है कि बिहार में कोरोनावायरस की तीसरी लहर के फैलाव में ओमीक्रोन वेरियंट की भी बड़ी भूमिका हो सकती है।
बिहार में तीसरी लहर रोज तोड़ रही रेकॉर्ड
वहीं बिहार में कोरोना की तीसरी लहर तेजी से पांव पसारती जा रही है। राज्य में शनिवार को कोरोना के 4,526 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जो शुक्रवार की तुलना में करीब 1,500 ज्यादा है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य की राजधानी पटना में 1,956 नए संक्रमित सामने आए हैं, जो राज्य के किसी भी जिले में सर्वाधिक है।
तीसरी लहर के आंकड़े
बिहार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान 2 लाख 10 हजार 323 सैंपल की जांच की गई है, जिसमें 4,526 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया। इन नए मरीजों से राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 12,311 पर पहुंच गई है। बस राहत की बात यह है कि इस दौरान किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है। बता दें, शुक्रवार को राज्य में कोविड-19 के 3,048 नए मरीज मिले थे।
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