Home Bihar ‘Nitish Kumar कुर्सी के लिए कुछ भी करा सकते हैं’, Samrat Chaudhary बोले- जातीय उन्माद फैलाना चाहती है बिहार सरकार

‘Nitish Kumar कुर्सी के लिए कुछ भी करा सकते हैं’, Samrat Chaudhary बोले- जातीय उन्माद फैलाना चाहती है बिहार सरकार

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‘Nitish Kumar कुर्सी के लिए कुछ भी करा सकते हैं’, Samrat Chaudhary बोले- जातीय उन्माद फैलाना चाहती है बिहार सरकार

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Bihar Politics: महागठबंधन सरकार में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा कई ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, जिससे धार्मिक उन्माद फैलने का खतरा उत्पन्न हो रहा है। बीजेपी का कहना है कि तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे नीतीश कुमार कुर्सी के लिए कुछ भी कर और करा सकते हैं।

Nitish Kumar bjp
नील कमल, पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद छपरा में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर 100 से अधिक लोगों की हुई मौत के बाद नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून पर सवाल उठाए गए। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता और नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल चंद्रशेखर यादव और सुरेंद्र यादव ने रामचरितमानस और भारतीय सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर नीतीश की परेशानी बढ़ा दी। इतना ही नहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने तो देश का माहौल खराब बताते हुए मुसलमान खतरे में है, तक कह दिया था। अब जेडीयू के विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी यह कह कर कि वह हर शहर को कर्बला बना देंगे, नीतीश की परेशानी को और भी बढ़ा दिया। तो अब आरजेडी कोटे से ही राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने आरक्षण का राग छेड़ दिया है।

नीतीश के मंत्री आलोक मेहता ने क्या कहा

नीतीश सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक नेता का कहना है कि जिन लोगों ने अगड़ों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है, वह अंग्रेजो के दलाल रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आरक्षण व्यवस्था खत्म करना चाहती है। इसलिए तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही थी। इसके अलावा आलोक मेहता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन्हें मंदिर में घंटा बजाना चाहिए था, वह सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए हैं। ऊपर से दूसरे लोगों को कह रहे हैं कि वह मंदिर में जाकर घंटी बजाए।

महागठबंधन नेताओं के जहरीले बयान पर कोर्ट स्वतः संज्ञान लें: BJP

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और बिहार सरकार के पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि महागठबंधन नेताओं के जहरीले बयान महज संयोग नहीं, बिहार का माहौल बिगाड़ने का प्रयोग है। सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के कहने पर ही महागठबंधन के नेताओं ने नफरती बयान दे रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को ऐसे जहरीले बयानों पर स्वतः संज्ञान लेकर संविधान और कानून सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए।

बिहार के माहौल को विषाक्त कर वोट की फसल काटने की तैयारी

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी का कहना है कि महागठबंधन सरकार का जनाधार खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि घटते जनाधार को देखते हुए महागठबंधन में शामिल तमाम राजनीतिक दल अब खुलकर तुष्टिकरण की राजनीति पर उतर चुके हैं। एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए बहुसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावना को भड़काने का काम महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव के इशारे पर कर रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में हुए उपचुनाव में बीजेपी को मिली जीत से महागठबंधन के नेता बौखला गए हैं। इसलिए वे बिहार के माहौल को खराब कर वोट की फसल काटने के लिए धार्मिक उन्माद और जातीय संघर्ष कराना चाहते हैं। सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि सत्ता के हिस्सेदार इन दोनों बड़े-छोटे भाइयों की साजिश अगड़े- पिछड़े की भावना उभार कर बिहार के भाईचारे के माहौल को विद्वेषपूर्ण बना कर वोटों के ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण की नीति को बढ़ावा देना है।

बीजेपी साथ थी तो आधी रात में जग जाती थी नीतीश की अंतरात्मा

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार में राजद कोटे से मंत्री आलोक मेहता का जातीय विद्वेष से भरा हालिया बयान भी कम भड़काऊ नहीं है। इसके पहले RJD के सुरेंद्र यादव, चंद्रशेखर यादव, JDU एमएलसी रसूल गुलाम बलियावी, राजद के मुस्लिम चेहरा व पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आदि के विध्वंसक, समाज-तोड़क, नफरती बयान लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बिहार को जहरीला बनाने की साजिश का ही हिस्सा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव एवं राजनीति में अपनी विश्वसनीयता खो चुके सीएम नीतीश की ओर से साजिश के तहत 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राज्य में जातीय और धार्मिक उन्माद फैलाने और आपसी भाईचारे को खत्म कर अगड़े-पिछड़े की लड़ाई का माहौल तैयार करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या ऐसे नफरती बयानों से वोटों के ध्रुवीकरण की साजिश नहीं रची जा रही है? नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ थे तब तो उनकी अंतरात्मा आधी रात को जग जाती थी,आज सोई, मरी हुई क्यों हैं? सम्राट चौधरी ने कहा कि कुर्सी प्यारे मुख्यमंत्री नफरत ही बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहे हैं?

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