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Nepal Plane Crash: सीतामढ़ी के रहने वाले संजय जायसवाल का शव पड़ोसी देश नेपाल से छठे दिन उनके घर पहुंचा। संजय नेपाल में हुए विमान हादसे के शिकार हो गए थे। नेपाल से शव घर पहुंचते ही चित्कार मच गया। संजय सीतामढ़ी के बैरगनिया के रहने वाले थे।
पोस्टमार्टम के बाद मिला है शव
नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के चिकित्सा दल द्वारा पोस्टमार्टम के बाद संजय का शव गुरुवार को भारतीय दुतावास के माध्यम से परिजनों को मिलते ही घर के लिए रवाना हो चुके थे। इधर पोखरा (नेपाल) से मृतक के बहन-बहनोई शुक्रवार की सुबह पहुंचते ही घर में परिजनों के चित्कार मच उठा। सभी की आंखें नम हो गई। मृतक की मां और बहन रो-रोकर बार-बार बेहोश हो जा रही थी। मां बिलखते हुए कह रही थी ‘अब केकरा बउआ कहबई हो बेटा” सुन भीड़ में भी महिलाओं की सिसकियां उठने लगी।
पुत्र शोक में माता-पिता की हालत खराब
पुत्र के शोक में माता-पिता की हालत पहले से खराब है। दोपहर को शव का दाह – संस्कार लालबकेया नदी के तट पर किया गया। पिता की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण छोटा भाई आदित्य जायसवाल ने मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि 15 जनवरी को काठमांडू से पोखरा (नेपाल) के लिए उड़ान भरने वाली यति एयरलाइंस कंपनी का विमान लैंडिंग के कुछ सेकंड पूर्व ही तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया था। इसमें चालक दल के चार सदस्यों सहित 72 यात्रियों की मौत हो गई थी, जिसमें पांच भारतीय भी शामिल थे।
सरकारी सहायता की कोशिश करूंगा: विधायक
क्षेत्रीय विधायक मोतीलाल प्रसाद, नप सभापति प्रतिनिधि वृजमोहन कुमार, पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि रवि झा ने मृतक के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। विधायक ने कहा कि मृतक के परिजन को सरकारी सहायता दिलवाने के लिए वे राज्य सरकार से संपर्क करने की पूरी कोशिश करेंगे। इधर, परिजनों ने बताया कि घटना के पांच दिन बाद भी राज्य अथवा स्थानीय स्तर पर अभी तक किसी प्रकार की सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है। मृतक तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। परिवार की जिम्मेवारी अपने कंधे पर ले रखा था। पारिवारिक खर्च से लेकर छोटे भाई की पढ़ाई, पिता के इलाज के साथ -साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था।
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