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JP University News: जेपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों को कराना होगा नैक मूल्यांकन, अन्यथा होगी यह कार्रवाई..

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JP University News: जेपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों को कराना होगा नैक मूल्यांकन, अन्यथा होगी यह कार्रवाई..

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रिपोर्ट-अंकित कुमार सिंह

सीवान. बिहार के जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के 21 कॉलेजों को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) से मूल्याकन इस साल अनिवार्य रूप से करना होगा. सिर्फ सीवान जिला हीं नहीं बल्कि छपरा एवं गोपालगंज के अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन नहीं कराने पर राजभवन और सरकार के स्तर से कार्रवाई हो सकती है. मूल्यांकन नहीं कराने पर यूजीसी और शिक्षा विभाग की और से मिलने वाली राशि बंद कर दी जाएगी. सीवान के आधा दर्जन ऐसे कॉलेज हैं, जिन्हें नैक से मूल्यांकन कराना है.

कॉलेजों द्वारा जारी निर्देशों की जाती है अनदेखी

यूनिवर्सिटी के द्वारा पूर्व में भी इस तरह के निर्देश कॉलेजों को दिए जाते रहे हैं और हर बार कॉलेज इन निर्देशों की अनदेखी करते रहे हैं. इस बार राजभवन ने मूल्यांकन की तैयारी के लिए समय निर्धारित कर दिया है. राजभवन ने निर्देश जारी किया है कि जून 2023 तक सभी कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन कराना होगा और इसके लिए कॉलेज सेल्फ स्टडी रिपोर्ट मार्च तक भेज देना है. इस बीच जनवरी में विवि के अधिकारियों की होने वाली बैठक में नैक मूल्यांकन की रिपोर्ट पर चर्चा करने को कहा गया है. राजभवन ने कहा है कि मूल्यांकन नहीं कराने वाले कॉलेजों को किसी तरह का फंड नहीं दिया जाएगा और ऐसे प्राचार्य पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जेपी विश्वविद्यालय के 21 अंगीभूत के साथ ही 10 संबद्ध कॉलेजों को भी मूल्यांकन कराना होगा.

कैसे होता है नैक मूल्यांकन

सीवान के डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य अजय पंडित ने बताया कि नैक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की गुणवत्ता के विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करता है. संसाधन एवं परफार्मेंस के आधार पर नैक ग्रेड देता है. नैक मूल्यांकन के लिए जिन कॉलेजों ने अपनी स्थापना के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं या जिनकी यहां डिग्री पाठ्यक्रम के दौ बैच निकल चुके हैं वे आवेदन कर सकते हैं. सबसे पहले विवि या कॉलेज नैक को लेटर आफ इंटेंट (एलओआई) भेजता है. इसके बाद निर्धारित प्रोफार्मा पर आइईक्यूए (इंस्टीट्यूशनल एलिजिबिलिटी फॉर क्वालिटी एसेसमेंट) के लिए आवेदन करता है. इस पर नैक की सहमति मिलने के बाद छह महीने के भीतर कॉलेज को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजनी होती है. इसमें कॉलेज की शैक्षिक, वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े समस्त विवरण का उल्लेख होता है. इसके बाद नैक की पीयर टीम सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज का निरीक्षण करती है और ग्रेड प्रदान करती है.

एसएसआर में क्या देनी होती है जानकारी

प्राचार्य रंजिश प्रसाद बताते हैं कि कॉलेज जो सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार करता है, उसे दो भागों में बांटा जा सकता है. पहले में आधारभूत सुविधाओं तथा दूसरे में शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल किया जाता है. आधारभूत ढांचे में कॉलेज की प्रोफाइल, वित्तीय सहयोग, मान्यता की स्थिति, लोकेशन, संचालित पाठ्यक्रम एवं विभाग की शैक्षिक लागत की जानकारी देनी होती है. शैक्षणिक गतिविधियों में कॉलेज का विजन, स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम, शुल्क, सेमेस्टर, वार्षिक या पार्टटाइम कोर्सेज, पांच वर्षों में शुरू किए गए कोर्स, सिलेबस रिवीजन, प्रोजेक्ट वर्क, अभिभावक, छात्रों या शिक्षाविदों से फीडबैक का सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया, क्वालीफाइंग मार्क्स, शैक्षणिक कार्य दिवस, पदों की स्थिति, छात्र- शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम, रेमेडियल एवं ब्रिज कोर्स, शौध कार्य, रिसर्च पब्लिकेशन, एनसीसी व एनएसएस आदि गतिविधियां, पुस्तकालय एवं उसमें शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति की स्थिति, पुस्तकों के प्रकार एवं संख्या, छात्रों का ड्रापआउट रेट, छात्रों के लिए वित्तीय सहयोग, सह शैक्षणिक गतिविधियां, परीक्षा परिणाम, नेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन, प्रशासन एवं नेतृत्व क्षमता आदि शामिल हैं.

टैग: बिहार के समाचार, सीवान न्यूज

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