Home Bihar Indian Railway: अब सीतामढ़ी से शिवहर दूर नहीं, खुशी में सांसद रमा देवी को लड्डू से तौला, जानें क्यों

Indian Railway: अब सीतामढ़ी से शिवहर दूर नहीं, खुशी में सांसद रमा देवी को लड्डू से तौला, जानें क्यों

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Indian Railway: अब सीतामढ़ी से शिवहर दूर नहीं, खुशी में सांसद रमा देवी को लड्डू से तौला, जानें क्यों

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सीतामढ़ी: शिवहर सांसद रमा देवी को भाजपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू से तौला। बीजेपी और शिवहर के लोग रेल लाइन निर्माण के लिए फंड मिलने पर खुश हैं। सांसद रमा देवी को आवंटन दिलाने का क्रेडिट दे रहे। इस खुशी में भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सांसद रमा देवी खुली जिप्सी से शिवहर शहर की भ्रमण कीं। बीजेपी कार्यकर्ता भाजपा जिंदाबाद-भारत माता की जय-पीएम नरेंद्र मोदी जिंदाबाद-रेलमंत्री जिंदाबाद-रमा देवी जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। काफिले के साथ सांसद ने शिवहर शहर के जीरोमाइल चौक, खादी भंडार, राजस्थान चौक, गांधी चौक, ब्रह्मस्थान चौक, रजिस्ट्री चौक, सिनेमा हॉल रोड, ब्लॉक रोड और थाना रोड में भ्रमण किया।

जीरोमाइल चौक पर लड्डू से तौला गया

सांसद रमा देवी का काफिला जीरोमाइल चौक पर पहुंचा तो उनको लड्डू से तौल कर, रेललाइन के लिए आवंटन मिलने की खुशी का इजहार किया गया। इसके बाद लड्डू का वजन किया गया, जो करीब 80 किलो हुआ। जितनी देर तक तौल का कार्यक्रम चला, तब तक कार्यकर्ता लगातार भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। इस अभिनंदन कार्यक्रम से सांसद काफी खुश नजर आ रही थी। उनके चेहरे की चमक से उनका आत्मविश्वास झलक रहा था। खुशी से वो गदगद थीं। यहां के बाद सांसद रमा देवी गांधी भवन चली गईं, जहां उनका स्वागत कार्यक्रम होना था। मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह समेत सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

रेलवे ट्रैक के लिए 566.83 करोड़ का फंड एलॉट

हाल में रेलवे ने सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत कर दी है। पहले फेज में सीतामढ़ी-शिवहर तक 28 किलोमीटर रेल लाइन के निर्माण के लिए 566.83 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। साल 2006-7 में कांग्रेस की सरकार के दौरान सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल लाइन की स्वीकृति मिली थी। हालांकि तब से ही इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अक्टूबर 2007 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने शिवहर समाहरणालय के पास इस परियोजना के सर्वे कार्य का शुभारंभ किया था। सर्वे पर 24.16 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उस दौरान 78.92 किमी की इस परियोजना की लागत 221 करोड़ रुपए आंकी गई थी। अब लागत बढ़ कर 926.09 करोड़ रुपए हो गई है। राशि के आभाव में भूमि का अधिग्रहण नहीं होने के कारण परियोजना कागज के पन्नों तक सिमट कर रह गई थी।

चर्चा में शिवहर के मुकुंद मिश्रा

ये परियोजना भले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था और सब के सब खामोश हो गए थे, लेकिन शिवहर के सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद कुमार मिश्रा चुप नहीं बैठे थे। वे लगातार इस परियोजना की ओर रेलवे, रेलमंत्री और इससे जुड़े वरीय अधिकारियों का पत्राचार के जरिए ध्यान आकृष्ट कराते रहे। उन्होंने आरटीआई के जरिए रेलवे से इस परियोजना के लंबित रहने को लेकर सवाल किया था। तब जवाब मिला था कि परियोजना को स्वीकृति ही नहीं मिली है। इस जवाब से मुकुंद मिश्रा एक रति भी संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने 21 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट, पटना में इसको लेकर एक याचिका दायर की। इसके बाद पटना हाईकोर्ट की ओर से रेलवे और राज्य सरकार से जवाब मांगा गया था। मामला अब भी कोर्ट में चल रहा है। इधर, शिवहर सांसद रमा देवी ने भी इस रेल परियोजना का मामला संसद में उठाया था।

रिपोर्ट- अमरेंद्र चौहान

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