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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह
– फोटो : ANI
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बिहार में विषाक्त शराब के कारण हुई मौतों को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से ये मौतें हुई हैं। नीतीश सरकार ने ऐसा कानून बनाया, जिसे वह सही ढंग से लागू तक नहीं कर सकी। उन्होंने बिहार सरकार पर मौतों के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाया।
केंद्रीय बिजली मंत्री सिंह ने कहा कि सारण जहरीली शराब कांड के आंकड़े बिहार सरकार छिपा रही है। छपरा के लोगों ने हमें बताया है कि 200 के करीब लोग मारे गए हैं, शवों को जला दिया गया है।
यह त्रासदी प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है, इसलिए वे मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, नीतीश कुमार इससे इनकार नहीं कर सकते: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह pic.twitter.com/5ZPax7HgWH
– एएनआई (@ANI) 19 दिसंबर, 2022
लापरवाही से मौतें, इसलिए राज्य सरकार दे मुआवजा
केंद्रीय मंत्री ने बिहार में पाबंदी के बाद भी शराब आसानी से मिल जाती है, तो शराब बेचने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? इस अपराध के लिए जेलों में गरीब लोग बंद हैं। जहरीली शराब से मौतें लापरवाही के कारण हुई है। राज्य सरकार जिम्मेदार है, इसलिए उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए। बता दें, कि हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि शराब पीने से मौत पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है। सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार मुआवजा देने से इनकार नहीं कर सकते।
सारण में 100 से ज्यादा मौतें, लाशें जलवा रही सरकार: सुशील मोदी
इससे पहले राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि सारण में मृतकों की संख्या 100 पार कर चुकी है। सारण जिले के जहरीली शराब कांड के मृतक परिवारों से मिलकर लौटने के बाद मोदी ने कहा कि यदि छपरा सदर अस्पताल और मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर, नर्स, एम्बुलेंस, स्ट्रेचर और दवा की व्यवस्था रहती तो दर्जनों लोगों को बचाया जा सकता था। लेकिन, राज्य की नीतीश कुमार सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर था कि जल्दी से जल्दी लाशों को आग के हवाले कर सबूत मिटा दिए जाएं। यही कारण है कि बिहार सरकार अब भी बेशर्मी के साथ 23-26 मौतों का आंकड़ा बता रही है और मुख्यमंत्री उससे भी एक कदम आगे निकलकर मौतों पर हंसते हुए कह रहे हैं कि वह शोक नहीं बनाएंगे।
मोदी ने सवाल उठाया कि जब गोपालगंज के खजूरबन्नी में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जहरीली शराब से मौत प्रमाणित हुई तो चार-चार लाख मुआवजा दिया जाएग और बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 के तहत यह दिया भी गया तो सारण के मृतकों के परिजनों को इससे महरूम क्यों किया जाएगा? उन्होंने कहा कि मरने वाले अत्यंग गरीब, दलित, अतिपिछड़ा परिवारों से थे और उनके शुभचिंतक कहलाने का शौक रखने वाले जीतन राम मांझी समेत तमाम वामपंथी पार्टियों को इसपर चुप देखकर शर्म आती है।
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