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पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar 71th Birthday) मंगलवार को अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर जहां आज हर कोई बधाई और शुभकामनायें दे रहा है तो वहीं विधान परिषद ने आज के दिन को विकास दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. सीएम नीतीश कुमार ने (Nitish Kumar Government)_ 2005 में बिहार की सत्ता की चाबी संभालने के बाद अपने कामों में प्राथमिकता उन कार्यों को दिया जो बिहार की सबसे गंभीर समस्याओं में एक थी.
लॉ एंड ऑर्डर से लेकर सड़क सहित तमाम मुद्दे सामने थे पर सबसे गंभीर समस्या की तरफ नीतीश कुमार की नजर किसी ने दिखाई तो वो उनकी मां स्व परमेश्वरी देवी थीं. सीएम नीतीश कुमार के बचपन के दोस्त और मैट्रिक तक साथ पढ़े सत्येंद्र भारती ने न्यूज 18 को बताया कि जब नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री का शपथ लेकर अपनी पत्नी को लेकर गांव पहुंचे थे तो गांव पहुंचने के साथ ही उन्होंने अपनी मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और कहा कि अब ठीक लग रहा हूं न, कोई समस्या तो नहीं. इस पर नीतीश कुमार की मां ने जो कहा वो नीतीश कुमार के लिए सबकी बड़ी सबक बनी.
नीतीश कुमार की मां परमेश्वरी देवी ने अपनी ही भाषा में कहा कि सब तो ठीक है पर बिजली दिन भर भूकभुका हई यानी दिन में कुछ ही घंटे बिजली रहती है, इसे ठीक करवाओ. उसके बाद आने वाले दिनों में नीतीश कुमार ने बिजली के क्षेत्र में न केवल नालंदा बल्कि पूरे बिहार की ही तस्वीर को बदल कर रख दिया.
जानिए नीतीश ने कैसे बदली बिजली की तस्वीर
नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने उसके बाद बिजली की समस्या उनकी प्राथमिकता में रही. यह पता था कि बिहार के विकास और बदलती तस्वीर की कहानी बिना बिजली के संभव नहीं है. 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक 3 साल पहले 2012 में गांधी मैदान में 15 अगस्त के दिन भाषण देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर गांवों तक बिजली नहीं पहुंचा पाया तो वोट मांगने नहीं आऊंगा और फिर अगले कुछ सालों में ही बिहार की तस्वीर बदल दी गई. सीएम नीतीश कुमार ने ही मंच पर जानकारी देते हुए बताया कि 2005 में बिहार में 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी जो आज बढ़कर 5932 मेगावाट हो गई है.
बिहार में कितनी हो रही बिजली की खपत
बिजली खपत का आंकड़ा देखें तो हर साल यह बढ़ता ही गया है. 2005 में 700 मेगावाट की खपत थी जो 2012 में बढ़कर 1712 मेगावाट हो गई. 2015 का चुनाव जीतने के बाद 2017-18 में यह आंकड़ा 4535 मेगावाट तक पहुंच गया, वहीं 17 जुलाई 2020 को 5932 मेगावाट की रिकॉर्ड बिजली दी गई जो पहले कभी नहीं हुआ. 2012-13 में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत जो 145 यूनिट थी वो आज 400 यूनिट प्रति व्यक्ति से अधिक हो गया है.
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