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पूर्णिया. अगर आप चर्म और कुष्ठ रोग से ग्रसित हैं, और आपको इससे मुक्ति चाहिए तो बिहार के पूर्णिया जिला स्थित मां कामाख्या मंदिर में आएं. दावा किया जाता है कि यहां ऐसे रोगों से लोगों को छुटकारा मिलता है. भारत में केवल दो जगह माता कामाख्या का मंदिर है. इसमें पहला असम के गुवाहाटी में है, और पूर्णिया जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर नगर प्रखंड क्षेत्र के मजरा पंचायत में स्थित दूसरा माता कामाख्या चमत्कारी मंदिर है.
मंदिर के पुजारी पंडित गौरी कांत झा ने न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए कहा कि इस मंदिर की अनेक मान्यताएं है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में आने वाले कोई भी कुष्ठ रोगी या चर्म रोगी यदि सच्चे मन और सच्ची भावना के साथ श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करे तो मां निश्चित ही उसके कष्टों को हर लेती हैं. असाध्य रोगों को मां अपनी चमत्कारी कृपा से जल्द स्वस्थ कर देती हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मंदिर में अभी तक अनगिनत असाध्य रोगी स्वस्थ होकर जा चुके हैं. इस मंदिर में दूर-दूर से आकर लोग अपनी मनोकामना मांगते हैं.
सिर्फ माता की सेवा और पूजा-अर्चना से होगी बीमारी खत्म
पुजारी ने कहा कि किसी भी तरह की कोई मनोकामना हो, वो इस मंदिर में निश्चित ही पूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि अगर कोई कुष्ठ रोगी रोगी यहां आता है तो निश्चित तौर पर बिना दवाई और बिना कोई खर्च के ठीक हो जाता है. उसके लिए पीड़ित को सिर्फ मां कामाख्या की सुबह-शाम पूजा-अर्चना और नियमित सेवा करनी होती है. वो अपने हाथों से मंदिर में झाड़ू या पोछा से सफाई करे तो निश्चित रूप से ही उसके असाध्य रोगों का इलाज चमत्कारिक कृपा से जल्द से जल्द ठीक हो जाता है.
इस वजह से पूर्णिया जिला स्थित मां कामाख्या मंदिर की बहुत पौराणिक मान्यताएं को लेकर लोग बिहार सहित अन्य जगहों से यहां आकर इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं.
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पहले प्रकाशित : 20 अप्रैल, 2023, 11:48 पूर्वाह्न IST
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