Home Bihar Good News: कैंसर की जांच के लिए नहीं जाना होगा बहार, पूर्णिया जीएमसीएच ओपीडी में होती तीन प्रकार की जांच, पढ़ें डिटेल्स

Good News: कैंसर की जांच के लिए नहीं जाना होगा बहार, पूर्णिया जीएमसीएच ओपीडी में होती तीन प्रकार की जांच, पढ़ें डिटेल्स

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Good News: कैंसर की जांच के लिए नहीं जाना होगा बहार, पूर्णिया जीएमसीएच ओपीडी में होती तीन प्रकार की जांच, पढ़ें डिटेल्स

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रिपोर्ट- विक्रम कुमार झा

पूर्णिया.कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है. पूर्णिया में भी इसकी जांच होती है.राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी स्थित रूम नम्बर 16 में कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर संचालित किया जा रहा है. स्क्रीनिंग सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है. कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में 02 चिकित्सक (महिला एवं पुरूष), 02 नर्सिंग स्टाफ, 01 पेशेंट नेविगेटर, 01 डाटा एंट्री ऑपरेटर व 01 मल्टीटास्किंग स्टाफ उपलब्ध हैं.

जीएमसीएच में तीन प्रकार के कैंसर की जांच होती है
पूर्णिया जीएमसीएच में तीन प्रकार के कैंसर की जांच होती है. जिसमें अब तक1074 लोगों की जाँच की गई हैं. जिसमें 50 मरीज संदेहास्पद हैं और कनफर्म 1 मरीज स्तन कैंसर के मिले हैं. वही पूर्णिया जीएमसीएचजिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी.पी. अग्रवाल ने कहा कैंसर से सुरक्षा के लिएओरल कैंसर से सुरक्षा के लिए तम्बाकू मुक्त शिविर का संचालन होगा. कैंसर के गंभीर मरीजो को इलाज के लिए भेजा जाता है.

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इन कारणों से होता है कैंसर
कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर की डीटीओ डॉ. हर्षिता चौहान ने बताया कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (जीएमसीएच) में तीन प्रकार के कैंसर की जांच सुविधा उपलब्ध है. मुँह का (ओरल) कैंसर, स्तन (ब्रैस्ट) कैंसर एवं गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर. उन्होंने बताया कि अलग अलग तरह के तम्बाकू जैसे गुटखा, खैनी, गुल्ल आदि का सेवन किसी भी व्यक्ति (महिला या पुरूष) के ओरल कैंसर से ग्रसित होने का कारण बनता है. वहीं महिलाओं की बढ़ती उम्र, स्तन कैंसर का परिवारिक इतिहास (माँ, बहन, मौसी को हुआ कैंसर), छोटी उम्र में पहला मासिक का होना, पहला प्रसव 30 साल की उम्र के बाद होना, कोई बच्चा न होना, महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को दूध न पिलाना, देर से मासिक का रुकना, मद्यपान करना, हार्मोनल इलाज लेना स्तन कैंसर के कारण होते हैं.

गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के कारणों में लैंगिक गतिविधि की जल्द शुरुआत, छोटी उम्र में विवाह, 20 साल की उम्र से पहले गर्भधारण, थोड़े समय के अंतर पर बहुत बार गर्भवती होना, जननांगों की अच्छी सफाई न होना, जननांग नली संक्रमण खासकर ह्यूमन पापिलोमा वायरस (एचपीभी) संक्रमण, तम्बाकू की लत आदि हो सकता है. इसके लक्षण दिखाई देने पर तत्काल कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर पर आकर जांच करवानी चाहिए. डॉ. हर्षिता ने बताया कि जांच के बाद अगर व्यक्ति कैंसर ग्रसित पाया जाता है, तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए होमिभाभा कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर (एचबीसीएच) के साथ देश के अन्य कैंसर विशेषज्ञ अस्पताल में भेजा जाता है.जहां लोगों का बेहतर इलाज कराया जाता है.

ओरल कैंसर के लक्षण
• मुँह में छाले व सफेद दाग का होना

• मुँह का खुलना कम हो रहा हो

• तीखा खाने से मुँह में जलन का होना

स्तन कैंसर के लक्षण
• स्तन के अंदर या काँख में गांठ होना

• स्तनाग्र (निपल) में से स्राव आना

• स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव (गड्ढा आना, सिकुड़ना/छिलना)

• स्तनाग्र की दिशा में बदलाव-अंदर की ओर खिंचना

गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के लक्षण
• मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव

• लैंगिक संभोग के बाद रक्तस्राव

• रजोनिवृति के बाद रक्तस्राव (माहवारी बंद होना)।

• अनियमित भारी मासिक धर्म

• योनि से असाधारण रक्त के धब्बों के साथ स्राव निकलना

• बिना कारण कमजोरी, थकान, वजन कम होना

ओरल कैंसर से सुरक्षा के लिए तम्बाकू मुक्त शिविर का 21 जनवरी से होगा संचालन
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि ओरल कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकूओं का अत्यधिक सेवन करना होता है.इसके लिए कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में 21 जनवरी से हर शनिवार को विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा.

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