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क्या हो रही थी दिक्कतें
किसी जिले से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस और किसी दूसरी जिले से स्थाई लाइसेंस बनवाने ऑप्शन का कई आवेदक गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे। आवेदक जिन जिलों ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य है, वहां से लर्निंग लाइसेंस बनाकर दूसरे जिलों में जाकर बिना टेस्ट दिये स्थायी लाइसेंस बना लेते थे। इस वजह अनट्रेंड चालकों का भी ड्राइविंग लाइसेंस बन रहा था। ऐस चालक रोड पर दुर्घटना को अंजाम दे रहे थे।
सभी जिलों के डीटीओ और एमवीआई को लिखे पत्र में कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में मोटरवाइन प्रशिक्षण संस्थान और खोले जाने की दिशा में काम किया जाए, साथ संस्थान को मानक रूप से प्रारंभ किया जाए। स्कूल और संस्थान खोलने का काम उच्च प्राथमिकता के साथ करने का निर्देश दिया गया है। साथ में बिना निबंधन के ड्राइविंग स्कूल पर शिकंजा कसने की भी बात कही गई है, क्योंकि राजधानी में दर्जनों ऐसे ड्राइविंग स्कूल खुल गये हैं। जिनके पास किसी तरह का निबंधन नहीं है। बता दें कि बिहार में स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 23 सौ रुपये का चालान कटाना पड़ता है। स्लॉट बुक कराने का अलग से 50 रुपये देने पड़ते हैं।
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