Corona Restrictions In Bihar: बिहार में मिनी लॉकडाउन जैसे हालात! राजधानी में एक दिन में साढ़े तीन गुना बढ़ गए केस, सरकार को लेना पड़ा कड़ा फैसला

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हाइलाइट्स

  • प्रदेश में पिछले चार दिनों में बढ़े हैं करीब छह गुना कोरोना मरीज
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  • राजधानी पटना में पिछले 10 दिनों में 141 गुना बढ़ गए संक्रमित
  • एम्स के 11 डॉक्टरों में पाया गया है कोरोना का संक्रमण
  • लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण सरकार को लेना पड़ा कड़ा फैसला
  • डॉक्टरों की छुटि्टयों को 28 फरवरी तक कर दिया गया है रद्द

पटना
बिहार में कोरोना के संक्रमण लगातार बढ़ रहे हैं। तेजी से बढ़ते मामलों ने प्रदेश में भय का माहौल बना दिया है। राजधानी पटना में कोरोना विस्फोट हुआ है। राजधानी में 24 घंटों में कोरोना के पाए गए मामलों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। सर्दी, जुकाम व हल्की बुखार से पीड़ित लोग अब खुद ही होम आइसोलेट हो रहे हैं। जो भी लोग टेस्टिंग सेंटरों पर इस प्रकार के लक्षण वाले पहुंच रहे हैं, उनमें कोरोना संक्रमण पाया जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में डॉक्टरों की छुट्‌टी 28 फरवरी तक रद्द कर दी गई है। पटना हाईकोर्ट में जज और कर्मचारियों के पॉजिटिव आने के बाद वर्चुअल सुनवाई शुरू कर दी गई है।

प्रदेश में पिछले दिनों ओमीक्रोन का भी एक मामला सामने आया था। इसके बाद से कोरोना केस में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। राजधानी में ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बढ़े कोरोना के मामलों के कारण लोगों में भी दहशत बढ़ने लगी है। बिना जांच कराए ही लोग घरों में रहकर अपने स्तर पर इलाज करा रहे हैं, इससे उनकी परेशानी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। कोरोना के बदतर होते हालात के बीच सीएम नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान यात्रा को स्थगित कर दिया है। मंगलवार को हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। हालांकि, अभी प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का फैसला नहीं हुआ है।

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घर पर अपने हिसाब से इलाज करना हो सकता है खतरनाक
राजधानी में जिस प्रकार से कोरोना के मामले बढ़े हैं, लोग टेस्टिंग कराने से डर रहे हैं। सर्दी, जुकाम और बुखार वाले मरीज अपने स्तर पर इलाज शुरू कर रहे हैं। पटना के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि इस प्रकार से खुद इलाज शुरू करना घातक हो सकता है। अगर हल्का लक्षण भी लग रहा हो तो टेस्टिंग कराएं। अगर पॉजिटिव आते हैं तो किसी डॉक्टर की सलाह पर ही उचित दवा लें। उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के प्रकोप के समय में पिछले साल इसी प्रकार से लोगों ने खुद इलाज शुरू कर दिया था। इससे कोरोना का प्रसार काफी ज्यादा हुआ। इस प्रकार की स्थिति लोगों के खुद और परिवार के लिए भी घातक हो सकता है।

बिहार में एक दिन में आए हैं 893 नए कोरोना के मरीज

बिहार में एक दिन में आए हैं 893 नए कोरोना के मरीज

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प्रदेश में चार दिन में बढ़े करीब छह गुना मरीज
कोरोना विस्फोट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार दिनों में प्रदेश में करीब छह गुना कोरोना मरीज बढ़ गए हैं। साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को प्रदेश में 158 कोरोना मरीज सामने आए थे। वहीं, मंगलवार को 893 मरीज सामने आए। सोमवार को प्रदेश में 344 नए कोरोना मरीज सामने आए थे। इस प्रकार एक दिन में ढाई गुना से अधिक मामले बढ़ गए। वहीं, 31 दिसंबर को प्रदेश में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 488 थी। यह मंगलवार को बढ़कर 2222 पर पहुंच गई। 31 दिसंबर को 1 लाख 74 हजार 739 कोविड सैंपल की जांच में 488 कोविड पॉजिटिव मरीज मिले थे। चार जनवरी को इस हिसाब से कोविड टेस्टिंग का आंकड़ा कम हुआ। मंगलवार को 1 लाख 44 हजार 675 सैंपल की टेस्टिंग की गई, जिसमें 2222 संक्रमण के नए मामले सामने आए।

10 दिनों में कोरोना के 89 गुना बढ़े हैं केस
बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों में 89 गुना अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पिछली दो लहरों के दौरान बिहार में इस रफ्तार से कोरोना के मामलों में वृद्धि नहीं हुई थी। दस दिन पहले 25 दिसंबर को प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल 10 नए मामले दर्ज किए गए थे। प्रदेश के 38 में से महज 15 जिलों में ही कोरोना के केस दर्ज किए गए थे। लेकिन, अब एक बार फिर कोरोना के मामले रॉकेट की रफ्तार से बढ़े हैं। मंगलवार को 893 केस दर्ज किए गए। प्रदेश के सभी जिलों में अब कोरोना का प्रकोप फैल गया है। मंगलवार को केवल गोपालगंज और शेखपुरा से ही कोरोना के नए मामले नहीं आए।

एम्स के 14 डॉक्टर व कर्मी कोरोना पॉजिटिव
प्रदेश में डॉक्टरों के बड़े पैमाने पर संक्रमित होने का मामला सामने आ रहा है। एनएमसीएच के बाद पटना एम्स में भी कोरोना बम फूटा है। एम्स के 11 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनके अलावा तीन अन्य कर्मियों में भी संक्रमण पाया गया है। एम्स में कोरोना विस्फोट के बाद ओपीडी सेवा को सीमित कर दिया गया है। हर विभाग में अब 50 नए मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन होगा। इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी डॉक्टरों के संक्रमित होने का मामला सामने आ रहा है। इसके बाद कोरोना संबंधी पाबंदियों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने डॉक्टरों, हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को प्रीकॉशनरी डोज 10 जनवरी से लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि, बढ़ते मामलों ने स्थिति की गंभीरता को सामने ला दिया है।

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पटना में 10 दिनों में कोरोना केस में 141 गुना वृद्धि
राजधानी पटना कोरोना का हब बना हुआ है। यहां सबसे अधिक 565 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। हालांकि, अभी तक इन संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो पाई है। इससे साफ नहीं हो पा रहा है कि नए आ रहे मामलों में ओमीक्रोन के भी मामले हैं या नहीं। सोमवार को 160 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया था। 24 घंटे में साढ़े तीन गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। अगर पिछले 10 दिनों की बात करें तो राजधानी पटना में 25 दिसंबर को कोरोना संक्रमण के चार नए मामले सामने आए थे। इस हिसाब से पिछले 10 दिनों में राजधानी में कोरोना के नए मामलों में 141 गुना की वृद्धि हो गई है।

अस्पतालों में भर्ती कराने की नौबत नहीं, राहत
अधिकांश कोरोना संक्रमित मरीज कोविड वैक्सीन का दोनों डोज लेने वाले ही हैं। इस कारण उनमें कोरोना के लक्षण उतने प्रभावी नहीं दिख रहे। इस कारण अभी अस्पतालों पर लोड कम दिख रहा है। एम्स में अभी तक 15 कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कराया गया है। वहीं, एनएमसीएच में 29 नए मरीज भर्ती कराए गए हैं। इन दोनों अस्पतालों में अभी तक कोविड वार्ड चल रहा है। कोरोना की पिछली दो लहरों के दौरान आईजीआईएमएस को भी कोविड पेशेंट की भर्ती के लिए अधिकृत किया गया था। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में उम्मीद की जा रही थी, इस पर कोई निर्णय होगा। लेकिन, अभी कोई फैसला नहीं हो सका है।

कार्यक्रम के आयोजन की लेनी होगी मंजूरी
सरकार ने कड़े फैसले लेते हुए कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। प्रदेश में अब कार्यक्रमों के आयोजन की मंजूरी प्रशासन से लेनी होगी। किसी भी कार्यक्रम में 50 लोगों की उपस्थिति को निर्धारित किया गया है। आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन का निर्देश दिया गया है। नौवीं से ऊपर की कक्षाओं को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ चलाया जाएगा। वहीं, सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने का आदेश दिया गया है। सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं और आम जनों के लिए फिर से बंद कर दिया गया है। सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क और उद्यान पूरी तरह बंद रहेंगे। आम लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है।

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बिहार कोरोना1

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक करते सीएम नीतीश कुमार और अन्य अधिकारी

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