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Bihar News : बिहार में पान मसाला गुटखा कितना बैन! जो चीज बाजार में बिकती नहीं, उस पर प्रतिबंध हर साल, जानिए पूरा माजरा

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Bihar News : बिहार में पान मसाला गुटखा कितना बैन! जो चीज बाजार में बिकती नहीं, उस पर प्रतिबंध हर साल, जानिए पूरा माजरा

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बिहार और पूरे देश में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आंख मेंं धूल झोंककर गुटखा, पान मसाला और तंंबाकू उत्‍पादों बेचा जा रहा है। इसी कड़ी में हर साल खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पान मसाला तंबाकू पर प्रतिबंध की सूचना जारी की जाती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के आदेश के बावजूद पर पान मसाला, गुटखा और तंबाकू उत्‍पाद धड़ल्‍ले से बेचे जा रहे हैं। कैसे बेचे जा रहे हैं और कैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आंख में धूल झोंका जा रहा है। पढि़ए पूूरा खेल क्‍या है।

इमेजिस

प्रतीकात्मक छवि

हाइलाइट्स

  • गुटखा, पान मसाला और तंबाकू पर पिछले एक दशक से प्रतिबंध जारी है
  • बावजूद बड़ी आसानी से हर प्रतिबंधित पान मसाला, गुटखा और तंबाकू से मिलता है
  • कोर्ट की आंखों में दस साल से झोंकी जा रही है धूल, अलग अलग बेचे जा रहे उत्‍पाद
पटना : ये कोई मजाक की बात नहीं लेकिन हर साल जिस चीज पर प्रतिबंध लगाकर उसे बैन किया जाता है वो चीज बाजार में बिकती ही नहीं है। अब इसे आंंख खोल कर आंख में धूल झोंकना न कहा जाए तो और क्‍या कहा जाए? हम बात कर रहे हैं बिहार सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से जारी उस आदेश की, जिसमें ‘गुटखा और पान मसाला में तंबाकू व निकोटिन मिलाकर बेचने’ पर प्रतिबंध को एक बार फिर से सख्‍ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। आप को बता दें कि उत्‍पाद का ये मिश्रण बाजार में नहीं बिकता है। अब हर किसी के जहन में सवाल उठना लाजमी है जब ये चीजें प्रतिबंधित हैं तो बाजार में चौक चौराहों की दुकानें जिन लाल, पीली, नीली पैकेटों से चमचमाती रहती हैं वो आखिर क्‍या है? इसका भी जवाब है, दरअसल कोर्ट ने ‘गुटखा और पान मसाला में तंबाकू व निकोटिन मिलाकर बेचना’ को प्रतिबंधित किया था, अलग गुटखा, अलग पान मसाला और तंबाकू बेचने को नहीं यानी अलग अलग बेचना प्रतिबंध की श्रेणी में नहीं आता है। इसी बात का फायद उठाकर गुटका, पान मसाला और तंबाकू कंपनियों ने इन तीनों उत्‍पादों को अलग अलग कर दिया है। तभी आपको चौराहों और सड़कों के किनारे ये पैकेट आसानी से नजर आते हैं। पहले ये तीनों एक साथ एक पै‍केट में उपलब्‍ध थे। जिसे अलग अलग कर दुकानों पर धड़ल्‍ले से बेचा जा रहा है। जिसे ग्राहक खरीदने के बाद वहीं फाड़कर प्रतिबंधित सामान बना कर खा लेता है।
अश्‍वथामा मारा गया…. ‘मगर हाथी’
SEED सोशल इकोनॉमी एंड एजुकेशनल डेवपमेंट सोसायटी के कन्‍वेनर डॉ प्‍यारे लाल कहते हैं कि ये आदेश वैसा ही है जैसे महाभारत में अश्‍वथामा मारा गया के झूठ को धर्मराज युधिष्ठिर से प्रमाणित करवाई गई थी। उन्‍होंने बताया कि पान मसाला में तंबाकू मिलाकर बाजार में बेचा जाता नहीं जाता है। लेकिन इन सभी को अलग अलग जरूर बेचा जाता है। जिसे लोग खरीद कर मिला लेते हैं। तीनों चीजों के मिश्रण को प्रतिबंधित किया गया है। डॉक्‍टर प्‍यारे लाल का कहना है कि दरअसल नियमों की आंंखों धूल झोंकना है। तभी आपको दुकानों पर पान मसाला, गुटखा और तंबाकू दिखाई देते हैं, लेकिन अलग अलग।
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प्रतिबंधित किया गया ‘गुटका, पान मसाला और तंबाकू उत्‍पाद’
बिहार सरकार की ओर से भी गुटखा और पान मसाला में तंबाकू व निकोटिन मिलाकर बेचने को इस साल भी प्रतिबंधित करने का आदेश (बिहार में नहीं बिकेगा पान मसाला) जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने यह प्रतिबंध (गुटखा पर प्रतिबंध) एक साल के लिए लगाया गया है। इस संबंध में यह (तंबाकू निषेध) आदेश जारी करने वाले विभाग के अपर मुख्य सचिव सह राज्य खाद्य संरक्षा आयुक्त प्रत्यय अमृत की ओर से ये निर्देश दिए गए हैं कि गुटखा पान मसाला पर प्रतिबंध का आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू किया जाए। इसके लिए आदेश की कॉपी भी जारी कर दी गई है।
दस साल बनाया जा रहा है खेल
एफटीबी (AFTB) के दीपक मिश्रा ने बताया कि ये कोई नया ऑर्डर नहीं ये हर साल रिन्‍यू किया जाता है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि गुटखा और पान मसाला में तंबाकू व निकोटिन मिलाकर बेचना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के 2013 के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी। गुटखा और पान मसाला खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आते हैं। लिहाजा ऐसे पदार्थों की बिक्री को राज्य में प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। बता दें कि इसके पहले सभी ब्रांड के गुटखा और पान मसाला में मैग्निशियम की मात्रा पाई गई थी। उसके बाद 2019 में ऐसे पान मसाले और गुटखा को प्रतिबंधित किया गया था। सरकार का आदेश 30 अगस्त, 2020 तक प्रभावी रहा। प्रतिबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया था।
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मैग्‍नीशियम और कार्बाइड जैसे तत्‍व पाए गए थे
फूड सेफ्टी एक्‍ट के तहत जांच में पाया गया था कि इन गुटखा पान मसाला और तंबाकू मिले 15 उत्‍पाद में मैग्‍नीशियम और कार्बाइड जैसे जहरीले तत्‍व पाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि गुटखा पान मसाला और तंबाकू उत्‍पाद को बैन किया जाए। जिसके बाद बिहार देश में तीसरा राज्‍य था जिसने बिहार में इन गुटखा, पान मसाला और तंबाकू को प्रतिबंधित किया। कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि जिन राज्‍यों ने लागू नहीं किया है वो भी बताएं। जिन्‍होंने इस आदेश को अपने राज्‍य में लागू किया है वो अपनी स्थिति बताएं। पटना हाई कोर्ट में पान, मसाला, गुटखा के सेवन और बिक्री के इस लूप होल को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले पर 25 फरवरी को सुनवाई होनी है।

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वेब शीर्षक: बिहार समाचार : बिहार में पान मसाला गुटखा पर कितना बैन! हर साल बाजार में जो नहीं बिकता है उस पर बैन, जानिए पूरी कहानी
हिंदी समाचार नवभारत टाइम्स से, टीआईएल नेटवर्क

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