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व्यवहार न्यायालय, छपरा
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के सारण में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पष्टम सुमन कुमार दिवाकर ने अमनौर थाना क्षेत्र के पॉक्सो सत्र वाद में आरोपी रंजन सिंह को दोषी माना। इसके बाद अदालत ने दोषी को पॉक्सो की धारा 4 के तहत 20 साल कठोर कारावास और 25 हजार अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अर्थ दंड नहीं देने पर एक साल साधारण कारावास और आईटी एक्ट में तीन साल की सजा और एक लाख रुपये अर्थ दंड देना होगा। अर्थ दंड नहीं देने पर छह महीने की सजा भुगतनी होगी। रंजन सिंह भेल्दी थाना के समसपुरा का रहने वाला है।
साथ ही बिहार सरकार द्वारा पीड़िता को पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी रमेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने 20 अप्रेल को रिहा करने का आदेश दिया था। 13 साल की नाबालिग पीड़िता की मां ने 18 मार्च 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पीड़िता की मां ने प्राथमिकी में बताया था कि 22 दिसंबर 2021 को उसकी लड़की जो कक्षा आठ में पढ़ती थी। स्कूल जाने के दौरान स्कूल के चपरासी का लड़का अपने दो दोस्तों के साथ उसकी लड़की के साथ लगातार छेड़खानी करता था। घटना के दिन वह उसके साथ पीछा करते हुए घर पर आ गया।
इस दौरान पीड़िता की मां दिल्ली गई हुई थी और उसके पिता भी बरौनी गए हुए थे। घर पर लड़की अकेली थी। इसका फायदा उठा कर आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ उसके घर जाकर साथ नाबालिग से दुष्कर्म किया। साथ ही उसका वीडियो बनाकर बाद में वायरल कर दिया था।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोक अभियोजक सुरेंद्र नाथ सिंह और उनके सहयोगी अश्वनी कुमार सुचिका की ओर से अधिवक्ता सतीश राय और शशि कुमार तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुनीता कुमारी ने न्यायालय में अपना-अपना पक्ष रखा। अभियोजन की ओर से कुल सात गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई गई थी।
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