
[ad_1]

आईजीआईएमएस में कोरोना मॉक ड्रिल।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बाकी मरीज अचानक चौंक गए जब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में एम्बुलेंस से कोरोना पेशेंट्स आने लगे। कुछ डरे, कुछ चौंके और बाकी जल्दी से इधर-उधर हटने लगे। इधर, डॉक्टरों की टीम तत्काल लगी और कोविड मरीजों की तत्काल जांच करने लगी। कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करते हुए मरीज का इलाज शुरू हो गया। कोविड के कई लक्षणों वाले पेशेंट्स का अलग-अलग तरीके से ट्रीटमेंट किया जाने लगा। कुछ देर बाद समझ में आया कि कोरोना के बढ़ते केस के बीच IGIMS में कोविड प्रोटोकॉल के तहत ट्रीटमेंट का यह मॉक ड्रिल है।
IGIMS में फिलहाल 3 बेड का आइसोलेशन ICU
आज सरकार द्वारा मॉकड्रिल की व्यवस्था रखी गई थी। इसमें हमलोगों ने साढ़े 9 बजे मॉकड्रिल शुरू किया। इसमें यह देखा जाता है कि मरीज को रिसीव कैसे किया जाता है। उनका इलाज कैसे किया जाता है। मरीज को भर्ती करने के बाद सबसे पहले जांच की जाती है। इसमें हार्ट, लंग्स और ऑक्सीजन लेवल की जांच की जा रही है। इसके अनुसार, नॉर्मल बेड और ICU बेड में जाने की स्थिति तय की जाती है। इसमें एक-एक चीज की बारिकी से जांच की जा रही है। यही सब मॉकड्रिल में होता है। कोरोना से निपटने को लेकर तैयारी की जांच की जाती है, ताकि आपात स्थिति में हमलोग निपट सकें। IGIMS में फिलहाल 3 बेड का आइसोलेशन ICU रखा है। 10 बेड का ट्रायल रखा है। जरूरत को देखते हुए इसको बढ़ाया जाएगा।
एंबुलेंस से मरीज पहुंचे IGIMS
नए वैरिएंड से डरने की जरूरी नहीं, ऐसे करें कंट्रोल
नए वैरिएंट गले तक ही सीमित है। इसमें किसी को डरने की जरूरत नहीं है। इसमें गले में खरास, खांसी बुखार होता है। हां, खांसी एक माह तक परेशान कर सकता है। सूखी खांसी से लोग परेशान होते हैं। इसमें एंटीबायोटिक दवा का कोई रोल नहीं है। बहुत लोग एजिथ्रल दवा लेते हैं। इसकी कोई जरूरत नहीं है। गर्म पानी का भाप से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आप जब भी बाहर से आते हैं तो गर्म पानी भाप जरूर लें और गुनगुना पानी जरूर पीयें। इससे संक्रमण कंट्रोल होता है। इसके बावजूद अगर लगता है कि आपको संक्रमण है तो फौरन कोविड टेस्ट करवाएं। यह बिल्कुल फ्री है।
[ad_2]
Source link