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जातीय जनगणना
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
शीर्षक या सार पढ़कर चौंकना लाजिमी है। लेकिन, सच यही है। यही प्रावधान किया गया है। पहले कारण जान लें, तब प्रावधान। 15 अप्रैल से जातीय जनगणना के लिए प्रगणक घर-घर पहुंचने लगेंगे। किसके घर कब पहुंचेंगे, यह पक्का नहीं है। ऐसे में अगर प्रगणक के पहुंचने के समय परिवार के नैसर्गिक मुखिया, यानी परिवार-प्रधान उस मकान में नहीं मिले तो? इसलिए, परिवार के नैसर्गिक मुखिया की गैरहाजिरी में जातीय जनगणना के प्रगणकों का काम रुकने नहीं देने के नजरिए से प्रावधान किया गया है।
क्या किया गया है प्रावधान
जातिगत जनगणना के दूसरे चरण में प्रगणक उन सभी मकानों में जाएंगे, जिन्हें पहले चरण के दौरान चिह्नित किया गया है। प्रगणक के उस मकान में पहुंचने पर अगर परिवार के प्रधान के नहीं होने की जानकारी दी गई तो परिवार का कोई भी सदस्य प्रधान (Head of the family in Caste census bihar 2023) के रूप में दर्ज हो सकता है। घर में महिला हुई तो वह भी। कोई नहीं हो और बाकी जानकारी देने वाला बच्चा भी हो तो वह भी ‘मुखिया’ के रूप में दर्ज जाएगा। उसी से सारी जानकारी लेकर फॉर्म भरा जाएगा और प्रधान के रूप में उसी के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लिया जाएगा।
इसी ‘मुखिया’ के हिसाब से दर्ज होंगे रिश्ते
जातीय जनगणना के दूसरे और अंतिम दौर की इस प्रक्रिया के दौरान प्रगणक मकानों में रहने वाले एक-एक आदमी का विवरण लेंगे। इस विवरण को उपलब्ध कराने वाले का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लिया जाएगा। जो जानकारी देंगे और हस्ताक्षर करेंगेे, वह कागजातों पर इस परिवार के मुखिया या प्रधान के रूप में दर्ज हो जाएंगे। परिवार के बाकी सदस्यों के रिश्ते भी इसी ‘प्रधान’ के हिसाब से दर्ज किए जाएंगे।
दो उदाहरण से समझें इस पूरी खबर को
- उदाहरण- 1. राम और श्याम दो भाई हैं। पिता की मौत हो चुकी है। राम की उम्र अभी 16 साल है और श्याम की 14 साल। मां काम पर चली जाती है। ऐसे में अगर प्रगणक पहुंचे और श्याम ने ही परिवार की सारी जानकारी दी तो वह उस मकान नंबर के तहत ‘मुखिया’ के रूप में दर्ज हो जाएगा। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य के रूप में उसकी मां का विवरण दर्ज होगा और मुखिया से रिश्ते के रूप में मां लिखा जाएगा। इसी तरह राम से संबंधित सारी जानकारी दर्ज होगी और मुखिया से रिश्ता भाई के रूप में दर्ज होगा।
- उदाहरण 2. रमित की शादी हो चुकी है और दो बच्चे भी हैं। जिस समय प्रगणक पहुंचे, उस समय घर में माता-पिता के अलावा रमित भी नहीं है। रमित की पत्नी घर में अकेली है। प्रगणक रमित की पत्नी से बात करेंगे। वह सारी जानकारी देगी। इसमें रमित की पत्नी घर की मुखिया के रूप में दर्ज होगी। फिर मुखिया से रिश्ते के रूप में ससुर, सास, पति आदि का जिक्र करते हुए जानकारी दर्ज होगी और अंत में इसकी पुष्टि के लिए हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
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