Home Bihar Bihar Caste Census 12 : मुख्यमंत्री कह रहे उपजाति नहीं गिनना है, कायस्थ पूछ  रहे ‘बंगाली कायस्थ’ क्यों लिखा है

Bihar Caste Census 12 : मुख्यमंत्री कह रहे उपजाति नहीं गिनना है, कायस्थ पूछ  रहे ‘बंगाली कायस्थ’ क्यों लिखा है

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Bihar Caste Census 12 : मुख्यमंत्री कह रहे उपजाति नहीं गिनना है, कायस्थ पूछ  रहे ‘बंगाली कायस्थ’ क्यों लिखा है

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जातीय जनगणना
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

15 अप्रैल को बख्तियारपुर स्थित अपने पैतृक आवास पर बिहार में जातीय जन-जगणना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुलकर कहा कि यह जातियों की गणना है, उपजातियों की नहीं। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद भागलपुर-पूर्णिया और पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में कायस्थ जाति के लोग प्रगणकों को पकड़ कर पूछ रहे हैं कि जातियों के कोड में 205 नंबर ‘बंगाली कायस्थ’ लिखा है। यह क्या है? कायस्थ की उपजाति श्रीवास्तव और टाइटल लाल व लाला को हिंदू दर्जी में लिखे होने पर ‘अमर उजाला’ ने आवाज उठाई तो उसे हटाया गया, लेकिन अब कायस्थों में 205 नंबर कोड से गुस्सा है।

अगड़ी जातियों के अंदर गुस्सा ज्यादा

जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में अगड़ी जातियों का विरोध शुरू से था। विरोध करने वालों को जातियों की सूची ने और मौका दे दिया। भूमिहार ब्राह्मण को ब्राह्मण से अलग करने और एक नई जाति के रूप में ‘भूमिहार’ का नाम दर्ज करने पर हंगामा चल ही रहा है। कायस्थों की उपजाति और टाइटल को दर्जी के साथ लिखने पर हंगामा मचा था, हालांकि सरकार ने बाद में गलती सुधार ली। खालसा पंथ के लोगों को धर्म सिख और जाति हिंदुओं लिखने की मजबूरी का आधा-अधूरा समाधान भी ‘अमर उजाला’ की खबर के बाद ही हुआ। किन्नरों को जाति के रूप में घोषित करने के मुद्दे को भी ‘अमर उजाला’ ने सबसे पहले आवाज दी। इन खबरों और खबर के असर को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों से कायस्थों ने ‘बंगाली कायस्थ’ को सूचीबद्ध किए जाने की भी जानकारी सार्वजनिक करने का अनुरोध किया।

क्यों हो रहा विरोध, कौन हैं बंगाली कायस्थ

दरअसल, मुख्यमंत्री भी इसे जाति गणना कह रहे हैं लेकिन इसके लिए जातियों का कोड निर्धारित किए जाते समय जानकारी के अभाव या किसी सोच के तहत कई उप जातियों को जाति के रूप में दिखा दिया गया है। बंगाली बोलने वाले और बंगाल से बिहार में आकर सदियों पहले बसे कायस्थों को बिहार में कायस्थ समाज के बीच आम कायस्थों की तरह दर्जा दिया जाता है। परंपराओं और संस्कृति में अंतर के कारण शादी-ब्याह में गतिरोध की जानकारी भी एक समय आती थी, लेकिन अब नहीं।

जाति कायस्थ, कोड 21 ही रखेंगे, मगर…

ऐसे में बंगाली कायस्थ खुद को कायस्थ से अलग मानने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन जातियों के लिए जारी कोड में इन्हें कायस्थों के कोड 21 से अलग कोड संख्या 205 दिया गया है। बंगाली कायस्थों का कहना है कि भगवान चित्रगुप्त की संतान सभी एक हैं, इसलिए वह कोड 21 के अलावा किसी तरफ ध्यान नहीं देंगे। लेकिन, कायस्थ समाज यह भी अपील कर रहा है कि इस संशय के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुख्यमंत्री कार्रवाई करें।

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