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बिहार विधानसभा
– फोटो : Bihar
विस्तार
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद यह तीसरा बजट है, लेकिन असल में यह तीसरा बजट महागठबंधन सरकार का भी है। महागठबंधन सरकार- 1 में दो बार बजट राजद कोटे से तत्कालीन वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पेश किया था। महागठबंधन सरकार- 2 में वित्त मंत्री का प्रभार जदयू कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी के पास है। तेजस्वी यादव के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह तीसरा बजट है। महागठबंधन सरकार- 1 के दोनों बजट में क्या घोषणाएं की गई थीं, क्या पूरी हुईं और क्या सपना रह गया?
26 फरवरी 2016
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार राजद और जदयू ने मिलकर बजट पेश किया था। उस बजट को वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में पेश किया था। बजट का आकार 1,44,696.27 करोड़ रुपये का था। इस बजट में महागठबंधन की सरकार ने गरीब युवा और महिलाओं को केंद्र में रखा था और बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, आधारभूत संरचना, कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता जताई थी। उस बजट में ही बिहार में महिलाओं को नौकरी में 35% आरक्षण देने की घोषणा की गई थी। तब वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना का खूब बखान किया था। सरकार ने रोजगार बढ़ाने की बात कही थी और राज्य में तकनीकी संस्थानों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया था।
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