Home Bihar Bihar Board 10th Result: बिहार टाॅप-10 में नालंदा की बेटियों का जलवा, क्या है दोनों छात्राओं का सपना?

Bihar Board 10th Result: बिहार टाॅप-10 में नालंदा की बेटियों का जलवा, क्या है दोनों छात्राओं का सपना?

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Bihar Board 10th Result: बिहार टाॅप-10 में नालंदा की बेटियों का जलवा, क्या है दोनों छात्राओं का सपना?

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नालंदा. जिले के हिलसा प्रखंड के एक सरकारी स्कूल से एक नहीं बल्कि दो छात्राएं पूरे बिहार में मैट्रिक परीक्षा के 10 टाॅपरों में शामिल हैं. राजकीय उच्च विद्यालय दुल्लु बिगहा की एक छात्रा ने प्रदेश के 3 शीर्ष टाॅपरों में जगह बनाई तो दूसरी को पूरे प्रदेश में सातवां स्थान मिला. इस खबर के बाद पूरे गांव में तो जश्न का माहौल है ही, पूरा जिला इन दो छात्राओं की उपलब्धि से गौरवान्वित महसूस कर रहा है. न्यूज़ 18 ने इन दोनों छात्राओं से खास बातचीत की तो इनके बड़े सपने सामने आए.

हिलसा के गांधी नगर के वार्ड 4 में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करने वाली संजू कुमारी बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में तीसरी सबसे बेहतरीन स्कोरर रही हैं. 8 साल पहले संजू के पिता सत्येंद्र कुमार पटना के सालिमपुर के करण बिगहा को छोड़कर परिवार समेत रहने हिलसा चले आए थे.

किसान परिवार से आने वाली संजू दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी हैं. पिता खेती बाड़ी करते हैं तो मां ब्यूटी देवी गृहिणी हैं. चिकसौरा के हाई स्कूल की संजू हिलसा शहर में ट्यूशन और कोचिंग पढ़ने जाती थीं. संजू ने कहा कि वह खूब पढ़ाई करके आईएएस बनना चाहती हैं. वह कठिन परिश्रम के लिए तैयार हैं. संजू ने बताया ट्यूशन और कोचिंग से लौटकर शाम को वह अपने छोटे-भाई बहनों को भी पढ़ाती रहीं, जिससे उनका भी रिवीजन हुआ.

संजू ने बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल कभी कभार पढ़ने के लिए ही करती हैं. वह सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं. संजू ने सफलता का श्रेय माता-पिता और अपने शिक्षकों को दिया.

हिलसा की ही रहने वाली एक और छात्रा ने मैट्रिक परीक्षा में सूबे में सातवीं रैंक हासिल की है. काली स्थान निवासी रमेश सिंह की बेटी अर्पिता कुमारी 2 बहनों और 1 भाई में सबसे छोटी हैं अर्पिता भी राजकीय हाई स्कूल दल्लू बिगहा की ही छात्रा हैं. वह स्कूल के अलावा हिलसा बाजार में ही कोचिंग पढ़ने जाती थीं.

अर्पिता के पिता व्यापारी हैं तो मां गृहिणी. अर्पिता ने बताया उन्हें भी आगे पढ़ाई करके आईएएस बनना है. वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों और सेल्फ स्टडी को देती हैं. लेट नाइट पढ़ाई पर विश्वास रखने वाली अर्पिता ने कहा कि यह रैंक लाने के लिए उन्होंने रोजाना 4-5 घंटे पढ़ाई की.

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पहले प्रकाशित : 01 अप्रैल, 2023, 09:52 पूर्वाह्न IST

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