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Begusarai News: दंगल फिल्म से प्रेरित हो दो बहनों ने शुरू की कुश्ती, सिल्वर मेडल जीत बढ़ाया राज्य का गौरव

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Begusarai News: दंगल फिल्म से प्रेरित हो दो बहनों ने शुरू की कुश्ती, सिल्वर मेडल जीत बढ़ाया राज्य का गौरव

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रिपोर्ट : नीरज कुमार

बेगूसराय. कहते हैं न फिल्म समाज का आईना होती है. इस पंक्ति को बेगूसराय की दो बेटियों ने चरितार्थ कर दिखाया है. 2016 में आई आमिर खान की फिल्म दंगल देखने के बाद बेगूसराय की दो बहनें इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने कुश्ती में ही अपनी पहचान बनाने का इरादा कर लिया. हालांकि समाज की बंदिशों के अलावा घरेलू मोर्चे पर भी कई अड़चनें आईं, आर्थिक स्थिति कमजोर तो थी ही, इस बीच इन बहनों के भाई की अस्वाभाविक मौत ने भी इन्हें तोड़ा. लेकिन इन दोनों बच्चियों का हौसला बढ़ाने के लिए मां और दादी सामने आईं.

आज की तारीख में मां और दादी की जिद और बेटियों की मेहनत रंग लाई. इनके संघर्ष ने आज राज्य को गौरवान्वित कर दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं बेगूसराय के सलौला गांव के रहनेवाले मुकेश सोनकर और पूनम देवी की बेटी निर्जला और शालिनी की. निर्जला ने हाल ही में अयोध्या के नंदनी नगर में आयोजित नेशनल कुश्ती चैपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर बिहार सहित बेगूसराय का नाम रोशन कर दिया है.

मां और दादी की मेहनत

बता दें कि बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड के सलौना के रहनेवाले मुकेश सोनकर आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. स्थिति ऐसी नहीं थी कि अपनी बेटियों को कुश्ती की कोचिंग करा सकें. तब पूनम देवी ने अपनी सास के साथ मिलकर मोर्चा संभाला. इन दोनों महिलाओं ने किराना दुकान चलाकर दोनों बेटियों का दाखिला अयोध्या नंदनी नगर एकेडमी में करवाया. इस एकेडमी में आकर निर्जला और शालिनी की दुनिया ही बदल गई. अखाड़े पर लड़ने वाली गांव की बेटियां अब मैट पर कुश्ती की प्रैक्टिस करने लगीं.

भाई की अस्वाभाविक मौत

निर्जला की बहन शालिनी अपने संघर्ष की कहानी सुनाते वक्त अपने जज्बात पर काबू नहीं रख पाई. उसने रुंधे गले से जो कहानी बयां की, वह सचमुच मार्मिक है. वह 2022 के वक्त को याद करती हैं. तब उनका चयन खेलो इंडिया में हुआ था. उस वक्त वे लोग चंडीगढ़ के पंचकूला में थीं. नेशनल कुश्ती की प्रतियोगिता चल रही थी. इसी बीच भाई के अस्वाभाविक मौत की खबर आई. दोनों बहनें बुरी तरह टूट गईं. आगे खेलने की हिम्मत नहीं रही. हालांकि निर्जला ने तो हिम्मत कर नेशनल कुश्ती में सिल्वर मेडल जीत भी लिया. लेकिन भाई की मौत के सदमे ने शालिनी को मानसिक रूप से बेहद कमजोर कर दिया. यहां से लौटने के बाद परिवार के लोगों ने फिर से इनका हौसला बंधाया.

केंद्रीय मंत्री से मांगी मदद

निर्जला बताती हैं कि पहली बार 2018 में चैती दुर्गा पर महिला कुश्ती का आयोजन हुआ था. शालिनी दीदी के साथ वह पहली बार यहीं कुश्ती खेलीं. शालिनी जिससे लड़ी वह मुकाबला ड्रा रहा, जबकि मैंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को पछाड़कर मुकाबला जीत लिया. दोनों बहन अपने पिता मुकेश के साथ प्रतिदिन शकरपुरा मैदान में प्रैक्टिस के लिए जाने लगीं, जहां से फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. शालिनी ने बताया कि गया में स्टेट लेबल के सब जूनियर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल लेवल की टीम में उन्होंने अपनी जगह बनाई. वहीं निर्जला ने नेशनल कुश्ती में रजत पदक जीतकर राज्य को मेडल दिलाया. बेगूसराय की कुश्ती खिलाडी निर्जला और शालिनी आर्थिक रूप से काफी कमजोर होने के कारण आगे का सपना पूरा नहीं कर पा रही हैं. दोनों ने केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह से आर्थिक मदद मांगी है. अगर मदद मिली तो इन बहनों को उम्मीद है कि ये देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएंगी. बेगूसराय मुखिया संघ के उपाध्यक्ष रमेश सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री से इन दोनों बहनों के लिए मदद की अपील की है.

टैग: Begusarai news, Khelo India Youth Games 2021, कुश्ती

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